किसानों से किए गए वादों पर केंद्र द्वारा अभी तक उठाए गए कदमों की समीक्षा करने और भविष्य के कदमों पर निर्णय लेने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की एक दिवसीय बैठक सोमवार को दिल्ली में शुरू हो गई। इन वादों में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कमेटी गठित करना भी शामिल है। दीनदयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित गांधी पीस फाउंडेशन के एक बंद कमरे में हो रही यह बैठक शाम 5 बजे तक चलेगी।
संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र के विवादित तीन कृषि कानूनों के खिलाफ एक साल लंबे आंदोलन का नेतृत्व किया था। उसने पिछले साल नौ दिसंबर को उस समय आंदोलन बंद कर दिया था, जब मोदी सरकार ने इन विवादित कानूनों को वापस ले लिया था और उनकी छह मांगों पर विचार करने पर राजी हो गई थी, जिनमें आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेना, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी देना और प्रदर्शन के दौरान मारे गए किसानों के परिजन को मुआवजा देना शामिल है।
एसकेएम के एक पदाधिकारी ने बताया कि बैठक का एजेंडा नौ दिसंबर, 2021 को सरकार द्वारा दिए गए आश्वासन पत्र, एमएसपी के मुद्दे पर राष्ट्रीय कार्य योजना और लखीमपुर खीरी मामले पर हुई प्रगति की समीक्षा करना है। उन्होंने बताया कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के लिए स्मारक का निर्माण करने की योजना पर भी बैठक में चर्चा की जाएगी।
उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानूनी गारंटी सुनिश्चित करने और अन्य मांगों को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए एक रोडमैप तय किया जाएगा। एसकेएम के आंतरिक मुद्दों जैसे नियम और कानून, धन की वर्तमान स्थिति और पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने वाले किसान संघों पर निर्णय पर भी बैठक के दौरान चर्चा की जाएगी।
गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की बड़ी जीत से किसान मोर्चा को एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल, किसान मोर्चा ने चुनावों में BJP का कड़ा विरोध किया था, लेकिन चुनावी नतीजों में किसानों के विरोध का कोई खास असर देखने को नहीं मिला।