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दिल्ली में आग: देवदूत बनकर पहुंचे गांव के लोगों ने बचाईं जानें, 100 से ज्यादा लोगों को बिल्डिंग से सुरक्षित निकाला

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मुंडका ग्राम सभा की टीम अगर समय पर मौके पर नहीं पहुंची होती तो मौत का आंकड़ा और भी कहीं ज्यादा हो सकता था। मुंडका गांव निवासी राकेश ने बताया कि जैसे ही ग्राम सभा की टीम को इमारत में आग लगने की सूचना मिली, तुरंत मुंडका ग्राम सभा की टीम ने गांव के लोगों को इसकी सूचना दी। टीम से जुड़े लोग बिना समय गवाएं मौके पर पहुंच गए। इतना ही नहीं उन्होंने गांव में ही एक जानकार की क्रेन ली। इसी क्रेन की मदद से आग में फंसे लगभग 100 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला गया।

यहां काफी संख्या में महिलाएं भी काम करती थी। आग लगने के दौरान वह बुरी तरह डर ही और घबराई हुई थी। मुंडका गांव निवासी मुकेश ने बताया कि आग शाम के वक्त लगी थी। सड़कों पर जाम की वजह से दमकल की गाड़ियां समय पर नहीं पहुंच सकीं। ऐसे में मुंडका ग्राम सभा की टीम ने समय पर पहुंचकर बहुत से लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। अन्यथा इस आग में मरने वालों का आंकड़ा और ज्यादा होता।

स्थानीय निवासी मनोज ने बताया कि जिस वक्त आग लगी तो लोग जान बचाने के लिए नीचे कूदने की कोशिश कर रहे थे। ऐसे में उनकी जान भी जा सकती थी। मगर क्रेन लेकर मौके पर पहुंचे ग्राम सभा टीम के लोगों ने उन्हें रोका और क्रेन की मदद से सुरक्षित उतारा। 

कुछ रस्सी के सहारे उतरे, तो कुछ कूद पड़े…

इमारत की पहली मंजिल पर जब आग लगी तो इस दौरान दूसरी और तीसरी मंजिल पर फंसे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। वे लोग अपनी जान बचाने के लिए सीढियों की तरफ भागे लेकिन काला धुआं फैल जाने की वजह से उन्हें लौटना पड़ा। ऐसे में कुछ लोगों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए इमारत में लगे शीशे तोड़ डाले। फिर जगह बनाकर ऊपर से रस्सी लटकाई और उस रस्सी के सहारे एक के बाद एक लोग नीचे उतरे। हालांकि इस दौरान भी कुछ लोगों असंतुलित होकर नीचे गिर पड़े, जिसमें उन्हें चोट भी आई। कुछ लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए इमारत के ऊपर से सीधे नीचे छलांग लगा दी। जिसमें कुछ लोग गंभीर रूप से चोटिल हो गए। इस रेस्क्यू के दौरान ज्यादा गंभीर चोट लगने वाले लोगों को वहां से उठाकर अस्पताल पहुंचाया गया।

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