रियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला (Om Prakash Chautala) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आय से अधिक संपत्ति मामले में शनिवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने चौटाला को दोषी करार दिया है। अदालत में 26 मई को सजा पर बहस होनी है।
जानकारी के अनुसार, शनिवार को हुई इस सुनवाई के दौरान ओम प्रकाश चौटाला कोर्ट रूम में ही मौजूद रहे। इससे पहले 19 मई को राउज एवेन्यू कोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस मामले में सीबीआई ने 26 मार्च, 2010 को चौटाला के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था और उन्हें 1993 से 2006 के बीच कथित रूप से उनकी वैध आय से काफी अधिक 6.09 करोड़ रुपये की संपत्ति जुटाने के लिए जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि, चौटाला परिवार इन आरोपों को हमेशा से ही राजनीति से प्रेरित बताता रहा है।
बता दें कि, साल 2019 में प्रवर्तन निदेशालय ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की 3 करोड़ 68 लाख की संपत्तियों को जब्त किया था। इन संपत्तियों में ओम प्रकाश चौटाला के फ्लैट, प्लॉट और जमीन शामिल थे। जब्त की गईं संपत्तियां नई दिल्ली, पंचकूला और सिरसा में स्थित हैं। यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के एक मामले में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत दर्ज FIR को लेकर हुई थी।
चौटाला जेबीटी भर्ती घोटाले में पिछले साल जुलाई में ही तिहाड़ जेल से रिहा हुए थे। अब उन्हें एक बार फिर जेल जाना पड़ सकता है। कोर्ट के फैसले के बाद उनके समर्थकों में मायूसी छा गई है।
बता दें कि, इससे पहले ओम प्रकाश चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला और कई अन्य लोगों को साल 2000 में तीन हजार से ज्यादा जूनियर बेसिक शिक्षकों की गैर कानूनी तरीके से भर्ती करने के मामले में सजा सुनाई गई थी। इस मामले में पूर्व सीएम को 10 साल की जेल की सजा हुई थी।
शिक्षक घोटाला मामले में अपनी सजा पूरी करने के बाद चौटाला पिछले साल ही दिल्ली की तिहाड़ जेल से रिहा हुए थे। ताऊ देवीलाल की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे चौटाला हरियाणा की राजनीति में कद्दावर नेता माने जाते हैं। by