भारतीय सियासत में बुधवार को चार बड़े इस्तीफे हुए। गुजरात में हार्दिक पटेल से लेकर राजस्थान में विधायक गणेश घोगारा ने पद छोड़ने का फैसला किया। खास बात है कि त्याग पत्रों की ये बौछार कुछ ही घंटों के अंतराल में हुई है। किसी ने पार्टी के काम करने को लेकर शिकायत की, तो किसी ने खुद को दल में ही दरकिनार होता पाया। शुरू से शुरुआत करते हैं…
हार्दिक पटेल
सुबह 10.31 बजे पाटीदार नेता और गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ने ट्वीट किया कि उन्होंने ‘हिम्मत’ जुटाकर पार्टी और पद छोड़ दिया है। उन्होंने लिखा, ‘आज मैं हिम्मत करके कांग्रेस पार्टी के पद और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देता हूं। मुझे विश्वास है कि मेरे इस निर्णय का स्वागत मेरा हर साथी और गुजरात की जनता करेगी। मैं मानता हूं कि मेरे इस कदम के बाद मैं भविष्य में गुजरात के लिए सच में सकारात्मक रूप से कार्य कर पाऊंगा।’ खबर है कि पटेल कांग्रेस के काम करने के तरीके से खफा थे।
अनिल बैजाल
दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजाल ने भी बुधवार को पद छोड़ने का फैसला किया। खबर है कि उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस संबंध में दस्तावेज भेजे हैं और निजी कारणों का हवाला दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के कारण बैजाल और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच कई मुद्दों को लेकर टकराव था।
अनिल कोठियाल
रिटायर्ड कर्नल अनिल कोठियाल ने भी बुधवार शाम ट्वीट के जरिए पार्टी छोड़ने के फैसले की जानकारी दी। उन्होंने ट्वीट किया ‘त्यागपत्र पूर्व सैनिकों, पूर्व अर्धसैनिकों, बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं तथा बुद्धिजीवियों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, मैं आज दिनांक 18 मई 2022 को, आम आदमी पार्टी की सदस्यता से अपना त्यागपत्र दे रहा हूं।’ खबर है कि कोठियाल खुद को अलग-थलग महसूस कर रहे थे।
गणेश घोगरा
राजस्थान के डूंगरपुर से विधायक गणेश घोगरा ने बुधवार को पद छोड़ दिया। उन्होंने प्रशासन पर अनेदेखी के आरोप लगाए। त्यागपत्र में उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ दल का विधायक होने के बाद भी जब वह लोगों की समस्याओं को लेकर पहुंचते थे, तो प्रशासन की तरफ से उन्हें नजरअंदाज किया जाता था। घोगरा राज्य के युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं।