रायबरेली – रायबरेली लोकसभा सीट में हो रही हर राजनीतिक चर्चा गांधी नाम के जिक्र के बिना अधूरी है। राम मंदिर, मोदी का नाम, सरकार की मुफ्त राशन योजना, गरीबों के लिए पक्के मकान, आवारा पशु और भाजपा के सत्ता में आने पर संविधान बदलने के कांग्रेस के आरोप चुनाव में चर्चा का विषय हैं लेकिन गांधी परिवार इन सब पर हावी है। कांग्रेस के वर्चस्व का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि वह आजादी के बाद से केवल तीन बार 1977, 1996 और 1998 में रायबरेली में हारी है। सोनिया गांधी ने 2004 से लगातार चार बार इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया और अब उन्होंने अपने बेटे राहुल गांधी को कमान सौंप दी है।
गांधी परिवार का गढ़ रहे पड़ोसी लोकसभा क्षेत्र अमेठी में पिछले चुनाव में भाजपा की नेता स्मृति ईरानी से हार का सामना करने वाले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का मुकाबला भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह से है। रिक्शा चालक सोनू पांडे ने कहा, ‘यहां तो पंजा चलता है, ये गांधी परिवार का गढ़ है। कोई भी उम्मीदवार हो, गांधी परिवार ही जीतेगा। यहां सिर्फ मतों के अंतर की बात है।’ खिलौनों की दुकान के मालिक रवींद्र सिंह का भी ऐसा ही मानना है। उनके विचार से राहुल गांधी यहां से जीत जाएंगे क्योंकि गांधी परिवार के साथ रिश्ता अन्य चीजों से ऊपर है। उन्होंने कहा, ‘पिछली बार देश में अलग तरह की भावना थी और फिर भी सोनिया गांधी जी 1,67,000 से अधिक मतों से जीती थीं। इसलिए इस बार राहुल के लिए कोई परेशानी नहीं है। दिलचस्पी केवल मतों के अंतर को लेकर है।’