सत्यपाल मलिक ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि आप एक कुत्ते के मरने पर शोक व्यक्त करते हैं लेकिन यहां 600 किसानों की मौत हो गई। कोई संवेदना न होना किसानों के साथ अन्याय है। उन्होंने गोवा सरकार पर भी हमला किया। कहा कि कोरोना काल में वो भ्र्ष्टाचार में लिप्त थी। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी इस बारे में कुछ एक्शन लेंगे।
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसानों का विरोध पूरी तरह जायज है। मैंने पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह और राम मनोहर लोहिया से यह सीखा है कि अपने समुदाय के हितों से कभी समझौता नहीं करना चाहिए। मेरा जन्म किसानों के बीच हुआ है। मैंने उनके संघर्षों को देखा और महसूस किया है। मोदी जी जब सीएम थे तो एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर भी उनका यही नजरिया था। किसानों की मांग बिल्कुल भी गलत नहीं है। वे करीब एक साल से दिल्ली की सीमा पर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें से 600 की मौत हो चुकी है। आप एक कुत्ते की मौत पर भी शोक व्यक्त करते हैं, लेकिन उन पर (मरते किसान) ध्यान नहीं दे रहे हैं। यह अन्याय है।
सत्यपाल मलिक ने कहा, “मैं सरकार को चुनौती नहीं दे रहा हूं। मैं सिर्फ सलाह दे रहा हूं। अगर सरकार को मेरे बोलने से दिक्कत है तो मैं अपना पद छोड़ दूंगा। सरकार को आश्वस्त करना चाहिए कि वे संकटपूर्ण बिक्री की स्थिति उत्पन्न नहीं होने देंगे। किसान आंदोलन में कोई हिंसा नहीं हुई है। लाल किले की हिंसा उन लोगों के कारण हुई जो आंदोलन से जुड़े नहीं थे। किसान आंदोलन से जुड़े लोगों का हिंसा से कोई लेना-देना नहीं था।”
करप्ट थी गोवा सरकार
सत्यपाल मलिक ने कहा कि कोरोना काल के दौरान गोवा में बीजेपी सरकार ने कई गलत फैसले लिए। उस वक्त गोवा में सरकार ने भ्रष्टाचार किया। मुझे इसलिए हटाया गया क्योंकि मैंने उस भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई। मुझे पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के साथ काम करने का मौका मिला है। इसलिए मैं भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं कर सकता
सत्यपाल मलिक ने कहा, “कोरोना काल में गोवा सरकार की घर-घर राशन वितरण की योजना अव्यवहारिक थी। यह एक कंपनी के आग्रह पर किया गया था, जिसने सरकार को पैसा दिया था। इस मामले में मुझसे कांग्रेस के लोगों समेत लोगों ने जांच करने को कहा। मैंने मामले की जांच की और प्रधानमंत्री को इसकी जानकारी दी।”
सत्यपाल मलिक ने कहा, “उन्होंने आरोप के बारे में उन्हीं लोगों से पूछा जो योजना के पीछे थे। वे स्वीकार नहीं करेंगे कि वे गलत हैं। हवाई अड्डे के पास एक क्षेत्र है जहां से खनन पास के लिए ट्रकों का इस्तेमाल किया जाता था। मैंने सरकार से कोरोना महामारी को देखते हुए उन्हें रोकने के लिए कहा। सरकार ने नहीं किया और फिर यह कोरोना का हॉटस्पॉट बन गया। आज देश में लोग सच बोलने से डरते हैं।”