हनुमान चालीसा विवाद को लेकर जेल में बंद निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके पति रवि राणा को बेल मिलने के बाद भी आज की रात सलाखों के पीछे ही गुजारनी पड़ेगी। राणा दंपति को बुधवार को मुंबई की एक अदालत ने जमानत दे दी। जमानत मिलने के बाद जेल से छुटने के लिए बाकी औपचारिकताओं में देरी की वजह से राणा दंपति को आज रात जेल में गुजरानी पड़ेगी।
राणा दंपति को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीस पढ़ने की धमकी के बाद गिरफ्तार किया गया था। हालांकि, नवनीत राणा ने बाद में पीएम मोदी के मुंबई दौरे को देखते हुए मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की योजना में कैंसल कर दिया था। फिर भी 23 अप्रैल को उनको गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने राणा दंपति के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा भी दर्ज किया है।
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, बोरीवली कोर्ट में दस्तावेज पूरे नहीं होने के कारण नवनीत राणा और रवि राणा को आज रिहा नहीं किया जाएगा। एमपी-एमएलए दंपति को कल 5 मई को ही तलोजा जेल से रिहा किया जाएगा, क्योंकि जेल में कागजी कार्रवाई के लिए शाम 5.30 बजे की समय सीमा आज खत्म हो गई है।
मुंबई की एक विशेष अदालत ने राणा दपंति को कुछ शर्तों के साथ जमानत दी है। अदालत ने कहा कि जमानत पर रिहा होने के बाद आवेदक इस तरह के किसी अपराध को अंजाम ना दे और मामले से संबंधित किसी भी विषय पर मीडिया से बात ना करें।
वकील रिजवान मर्चेंट और आबाद पोंडा के जरिए अदालत में दायर जमानत याचिका में दावा किया गया कि मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने के आह्वान को विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी या घृणा की भावना को बढ़ावा देने वाला काम नहीं कहा जा सकता और इसलिए भारतीय दंड संहिता की धारा 153 (ए) के तहत इस आरोप को कायम नहीं रखा जा सता है।