कर्नाटक में हिजाब पर विवाद के बाद मुंबई के एक कॉलेज ने अपने नियमों में कथित तौर पर यह लिखने के लिए विवाद खड़ा कर दिया कि कॉलेज परिसर के अंदर हिजाब, घूंघट, स्कार्फ आदि में छात्राओं की अनुमति नहीं है। इन आरोपों पर हालांकि कॉलेज प्रशासन ने सफाई दी है कि ऐसा कोई नियम नहीं है। उधर, विधायक रईस शेख ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री को पत्र लिखकर हिजाब पर प्रतिबंध हटाने की मांग की है।
कर्नाटक में स्कूल-कॉलेजों में हिजाब को लेकर शुरू हुआ बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस प्रकरण पर स्थिति बेकाबू होती देख राज्य सरकार शिक्षण संस्थानों में छुट्टी की घोषणा कर चुकी है। शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने को लेकर शुरू हुआ बवाल दिल्ली तक पहुंच चुका है। अब नया मामला महाराष्ट्र से सामने आया है। रिपोर्टों के अनुसार, मुंबई के माटुंगा इलाके में एमएमपी शाह कॉलेज के प्रॉस्पेक्टस और नियमों की जांच की जा रही है। कॉलेज की वेबसाइट में लिखा है, “छात्रों को कॉलेज की मर्यादा बनाए रखने के लिए उपयुक्त कपड़े पहनने चाहिए। परिसर के अंदर बुर्का / घूंघट या स्कार्फ पहनने की अनुमति नहीं है।”
इन आरोपों के जवाब में कॉलेज प्रशासन ने कहा कि इसका गलत अर्थ निकाला जा रहा है। इस बीच विधायक रईस शेख ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री को पत्र लिखकर कॉलेज से हिजाब पर प्रतिबंध हटाने की मांग की है।
एमएमपी शाह कॉलेज की प्रिंसिपल लीना राजे ने इसे झूठ कहा और कहा कि इसकी गलत रूप से व्याख्या की गई है। उन्होंने कहा कि कॉलेज में हिजाब पर कोई प्रतिबंध नहीं था और कारण पूरी तरह से अलग हैं।
राजे ने कहा, हां, कॉलेज की वेबसाइट पर प्रॉस्पेक्टस और नियमों में लिखा है। हालांकि, वजह यह है कि कुछ समय पहले पुरुष पूरे हिजाब पहनकर कॉलेज के अंदर आते थे और छात्राओं को परेशान करते थे। ऐसी कई घटनाएं हुई हैं। अतीत में हुआ था और इसलिए हमने यह बदलाव लाने का फैसला किया।
उन्होंने कहा कि कॉलेज में लगभग 50 प्रतिशत छात्र मुस्लिम हैं और कई कर्मचारी और संकाय सदस्य हिजाब पहनकर काम पर आते हैं लेकिन उन्हें कोई नहीं रोकता। उन्होंने कहा कि किसी भी छात्र को हिजाब पहनकर कॉलेज में प्रवेश करने से नहीं रोका जाता है। यदि आप कॉलेज में प्रतीक्षा करते हैं या समुदाय की किसी छात्रा से पूछते हैं, तो वे आपको बताएंगे कि हम उन्हें कभी नहीं रोकते
राजे ने कहा कि उन्होंने पूर्व में हुई उत्पीड़न की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की है। “हम कक्षा के अंदर हिजाब हटाने के लिए कहते हैं या उनकी पहचान जानने के लिए सिर्फ उनका चेहरा दिखाते हैं, और कुछ नहीं। हम सिर्फ यह जानना चाहते हैं कि वह व्यक्ति कॉलेज का छात्र है या नहीं। वेबसाइट पर प्रॉस्पेक्टस और नियमों में वाक्य की गलत व्याख्या की जा रही है। हम गलत नहीं हैं और हम मामूली बदलाव कर सकते हैं।”