ज्ञानवापी मस्जिद शृंगार गौरी प्रकरण में वादी राखी सिंह के पैरोकार एवं विश्व वैदिक सनातन संघ के प्रमुख जितेन्द्र सिंह बिसेन ने अब तक की कार्यवाहियों की सीबीआई जांच की मांग की है। शुक्रवार को गृह मंत्रालय को भेजे पत्र में बिसेन ने विशेष कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह पर षड्यंत्र का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे के दौरान वादी अधिवक्ता शिवम गौड़ के दिखाए धार्मिक चिह्न को सर्वे रिपोर्ट से गायब कर दिया गया है। साथ ही कमीशन की कार्यवाही से पूर्व सभी पक्षकारों व अधिवक्ताओं के हस्ताक्षर वाला पेज भी रिपोर्ट से नदारद है। बिसेन ने पत्र की प्रति राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और यूपी पुलिस को भी भेजी है।
उल्लेखनीय है कि बिसेन ने कुछ दिन पूर्व विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर सीबीआई जांच की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। उन्होंने विशेष कोर्ट कमिश्नर विशाल सिंह पर आरोप लगाया कि उन्होंने षड्यंत्र के तहत कमीशन की कार्यवाही के दौरान मुझे दो दिन दूर रखा था।
विशाल सिंह ने चार वादी व चार प्रतिवादी के प्रवेश का नियम लागू कर दिया। वहीं वादी व प्रतिवादी के पीएसओ को मस्जिद में घुसाया गया जबकि इनका लिस्ट में नाम नहीं था। कोई मंजूरी भी नहीं ली गई थी।
माहौल को सांप्रदायिक बनाने का प्रयास
जितेन्द्र सिंह बिसेन ने पत्र में लिखा है कि कोर्ट कमीशन की कार्यवाही के बाद से ज्ञानवापी परिसर में नमाज पढ़ने के लिए भीड़ बढ़ती जा रही है। वादी को मिलने के बाद सर्वे का वीडियो सार्वजनिक हो गया और अब कार्यवाही को सार्वजनिक करने की लगातार मांग बढ़ रही है। ऐसा कर देश में साम्प्रदायिक माहौल बनाने का प्रयास हो रहा है।
कोर्ट कमीशन से जुड़े सभी की जांच
बिसेन ने मांग की है कि ज्ञानवापी प्रकरण में कोर्ट कमीशन की कार्यवाही से जुड़े एक-एक व्यक्ति के मई में हुए मूवमेंट की जांच की जाय। उनकी कॉल डिटेल देखी जाय। कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्र, विशाल सिंह व अजय प्रताप सिंह को भी जांच के दायरे में लिया जाय। बिसेन ने अपने खाते में आए धन की भी जांच के लिए गुहार लगाई है।