दक्षिण भारत में सियासी जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी ने अब केरल में ट्वेंटी20 के साथ हाथ मिलाया है। रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीपुल्स वेलफेयर एलायंस (PWA) का ऐलान किया है। अब सवाल है कि CPI(M) के नेतृत्व वाली लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF), कांग्रेस की अगुवाई वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) की मौजूदगी के बीच आप का यह अभियान कितना सफल हो सकेगा? स्थिति को विस्तार से समझते हैं…
केजरीवाल ने KITEX के CSR विंग ट्वेंटी20 के साथ केरल में राजनीति करने का फैसला किया है। दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की यह घोषणा किझकमबलम स्थित पार्टी मुख्यालय में हुई। इस दौरान ट्वेंटी20 के मुख्य समन्वयक साबू एम जैकब भी मौजूद रहे। कहा जा रहा है कि दिल्ली और पंजाब में सत्ता संभाल रही आप को राज्य में पूरी तरह ट्वेंटी20 पर ही निर्भर रहना होगा।
कैसी है ट्वेंटी20 की स्थिति
केरल में पार्टी चार ग्राम पंचायतों पर शासन है। ट्वेंटी20 ने अपने विधानसभा चुनाव के सफर की शुरुआत 2021 में एर्नाकुलम के कुछ क्षेत्रों से की थी। उस दौरान पार्टी पर सीपीआई(एम) की बी-टीम होने के आरोप लगे। हालांकि, पार्टी उस दौरान उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रही और चुनाव में शामिल 8 क्षेत्रों में से 6 में तीसरे नंबर पर रही। साथ ही ट्वेंटी20 इन क्षेत्रों में भाजपा को चौथे स्थान पर धकेलने में भी सफल रही थी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पार्टी KITEX की CSR की तरफ से किए गए कामों के चलते वोट हासिल करने में सफल रहा। इसके अलावा यह पार्टी गैर-राजनीतिक मतदाता और पारंपरिक सियासी दलों से परे देखने की कोशिश कर रहे मध्यम वर्ग के लिए भी अच्छे विकल्प के तौर पर उभरी।
केरल में कहां है आप
फिलहाल, आप का केरल में ग्राम पंचायत स्तर पर भी उपस्थिति दर्ज कराना अभी बाकी है। पार्टी ने 2014 में केरल इकाई की शुरुआत की थी और उस दौरान कुछ लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में पार्टी का अच्छे नेतृत्व और सियासी एजेंडा तैयार करना बाकी है, जो अन्य राजनीतिक दलों से इसे अलग करे।
एक अन्य तस्वीर देखें, तो आप को राज्य में बड़े स्तर पर ट्वेंटी20 पर निर्भर रहना होगा। रिपोर्ट के अनुसार, PWA के सामने कम से कम अभी के लिए सबसे बुड़ी चुनौती इसका बने रहना है। ट्वेंटी20 भी एर्नाकुलम जिले में कुछ पंचायतों तक ही सीमित है।