उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे अब पूरी तरह साफ हो गए हैं। बुलडोजर को हथियार बनाकर प्रचार अभियान में उतरे योगी आदित्यनाथ ने के उम्मीदों की इमारत गिरा दी है। दोपहर 3:15 तक भाजपा 261 सीटों पर आगे थी तो सपा 135 सीटों पर बढ़त बनाए हुई थी।
समाजवादी पार्टी भले ही सरकार बनाने के अपने दावे को सच नहीं कर पाई, लेकिन अखिलेश यादव ने पार्टी के प्रदर्शन को बेहतर जरूर किया है। सपा ने अपनी सीटें करीब तीन गुना बढ़ा ली है। इसके अलावा पार्टी के वोटर शेयर में भी 10 फीसदी से अधिक का इजाफा हुआ है।
सीटों में इजाफे वाली एकमात्र पार्टी
यूपी की हार के बावजूद सपा के पक्ष में कुछ ऐसे आंकड़े हैं जिससे पार्टी संतोष महसूस कर सकती है। सपा एकमात्र पार्टी है जिसकी सीटों में इजाफा हुआ है। भाजपा ने भले ही बहुमत पा लिया है, लेकिन सीटों में मामले में उसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। 2017 के विधानसभा चुनाव में एनडीए को 325 सीटें मिली थीं। इस बार भगवा गठबंधन 260 सीटों के आसपास रह सकती है।
बसपा और कांग्रेस की सीटें भी घटीं
मायवती की अगुआई वाली बसपा को भी इस चुनाव में बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है। मायावती को जहां 2017 के विधानसभा चुनाव में 19 सीटें मिली थीं तो इस बार पार्टी सिंगल डिजिट में आ गई है। अभी महज 2 सीटों पर आगे चल रही है। सपा के साथ गठबंधन में 7 सीटें जीतने वाली कांग्रेस भी 3 सीटों पर सिमटती दिख रही है।