चीनी विमान दुर्घटना के बाद, भारत के विमानन निगरानी महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सोमवार को कहा कि बोइंग 737 के सभी बेड़े पर निगरानी बढ़ा दी गई है। डीजीसीए की ओर से ये कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब सोमवार को चीन में एक विमान क्रैश हो गया। सिविल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चाइना’ (चीन का नागरिक उड्डययन विभाग) की वेबसाइट पर मौजूद सूचना के अनुसार, विमान में सवार 132 लोगों में 123 यात्री और चालक दल के नौ सदस्य थे। किसी से भी जिंदा होने की खबर अभी तक सामने नहीं आई है।
इस घटना के बाद डीजीसीए प्रमुख अरुण कुमार ने कहा, “उड़ान सुरक्षा गंभीर मामला है और हम स्थिति का बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं। इस बीच, हम अपने 737 बेड़े की निगरानी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।”
चाइना ईस्टर्न एयरलाइन का ‘बोइंग 737-800’ विमान तेंगशियान काउंटी के वुझो शहर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे आसपास के पहाड़ी इलाके में आग लग गई। यह विमान कुनमिंग से गुआनझो जा रहा था। हादसे में 123 यात्रियों और चालक दल के नौ सदस्यों की मौत हो गई।
बोइंग द्वारा डीजीसीए की संतुष्टि के लिए सॉफ्टवेयर में किए गए आवश्यक सुधारों के बाद विमान के वाणिज्यिक संचालन पर प्रतिबंध पिछले साल अगस्त में 27 महीने बाद हटा लिया गया था।
स्पाइसजेट, विस्तार और एअर इंडिया एक्सप्रेस ने अपने 737 विमानों को निगरानी में रखने के डीजीसीए के फैसले पर बयान के लिए ‘पीटीआई-भाषा’ के अनुरोध का जवाब नहीं दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने विमान हादसे पर दुख व्यक्त किया है। अमेरिकी विमानन नियामक ‘एफएए’ ने कहा, “वह इस खबर से अवगत है कि चाइना ईस्टर्न एयरलाइंस का बोइंग 737-800 विमान आज सुबह चीन में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। एजेंसी जांच के प्रयासों में सहायता के लिए तैयार है।”