दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर सिंगल फेज में 5 फरवरी को वोटिंग होगी। रिजल्ट 8 फरवरी को आएंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
दिल्ली में होने वाले विधानसभा चुनाव 2025 से पहले इंडिया गठबंधन में दरार नजर आ रही है. दिल्ली की सत्ता किसके हाथ आएगी, ये तो चुनाव परिणाम आने के बाद ही साफ हो सकेगा. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी दोनों ही इंडिया गठबंधन का हिस्सा हैं, लेकिन दिल्ली के रण में दोनों अलग-अलग अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. दोनों ही दल अलग-अलग चुनाव लड़ने जा रहे हैं. इस बीच इंडिया गठबंधन के तमाम दलों ने कांग्रेस से किनारा कर लिया है और आम आदमी पार्टी को सपोर्ट कर रहे हैं.
साथी दलों को लगता हैं कि दिल्ली की सत्ता तो आम आदमी पार्टी को ही मिलेगी. इस वजह से कांग्रेस अलग-थलग पड़ती नजर आ रही है. क्या ममता, क्या अखिलेश और क्या उद्धव हर कोई अरविंद केजरीवाल का ही समर्थन कर रहा है. जिसकी वजह से विपक्षी दलों के गठबंधन में कांग्रेस खुद को बेगानी सा महसूस कर रही है. उनके अपने नेता भी उनको नसीहत दे रहे हैं.
केरजीवाल बोले- जो भी हमें समर्थन दे रहे हैं, मैं उनका धन्यवाद करता हूं। ममता दीदी, अखिलेश यादव ने समर्थन दिया। मैंने मीडिया रिपोर्ट्स में देखा है कि उद्धव ठाकरे की पार्टी भी हमें समर्थन दे रही है , लेकिन मैं यह कहना चाहूंगा कि यह चुनाव इंडिया गठबंधन का नहीं है।
ममता बनर्जी और अखिलेश यादव तो पहले से ही आम आदमी पार्टी का समर्थन कर रहे थे. अब उद्धव ठाकरे भी AAP के साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं. शिवसेना-उद्धव गुट ने भी केजरीवाल को समर्थन देने का ऐलान कर दिया. इंडिया गठबंधन में कांग्रेस अब अलग-थलग सी पड़ गई है. तीनों ही नेताओं का कहना है कि लड़ाई तो बीजेपी के साथ है. वहीं तेजस्वी यादव कह रहे हैं कि INDIA गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनावों तक ही था.
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कांग्रेस को नसीहत देते हुए कहा कि अच्छा होता अगर कांग्रेस और आप गठबंधन में दिल्ली का चुनाव लड़ते. उन्होंने उम्मीद जताई कि दिल्ली के चुनाव में अरविंद केजरीवाल जीत जाएंगे. उनका कहना है कि कांग्रेस भी मैदान में तो है ही, अच्छा होता अगर साथ मिलकर लड़ते.