सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने शुक्रवार को भूटान की दो दिवसीय यात्रा शुरू की है। सेना प्रमुख की भूटान यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब चीन एक बार फिर से डोकलाम क्षेत्र में आधारभूत ढांचे को बढ़ा रहा है। खबर है कि चीन ने भूटान की ओर वाले डोकलाम पठार के पूर्व में एक चीनी गांव का निर्माण किया है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जिसे भारत के रणनीतिक हित के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। दरअसल कुछ दिनों पहले नई सैटेलाइट तस्वीरों में चीन को भूटान की तरफ डोकलाम पठार के पूर्व में एक गांव का निर्माण करते हुए दिखाया गया था।
यह क्षेत्र भारत के रणनीतिक हित के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। तस्वीरें सामने आने के बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित सभी घटनाक्रमों पर लगातार नजर रख रहा है और अपने हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है। वहीं भारतीय सेना ने कहा कि जनरल पांडे का राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और भूटान के चौथे राजा जिग्मे सिंग्ये वांगचुक से मिलने के अलावा रॉयल भूटान सेना में अपने समकक्ष के साथ बातचीत करने का भी कार्यक्रम है।
पता चला है कि डोकलाम पठार की समग्र स्थिति के साथ-साथ क्षेत्र में चीनी गतिविधियों के मुद्दे को जनरल पांडे अपने भूटानी वार्ताकारों के साथ बातचीत में उठाएंगे। सेना ने एक बयान में कहा, ‘‘यह यात्रा अद्वितीय और समय पर खरे उतरे द्विपक्षीय संबंधों को और आगे बढ़ाएगी, जिसमें अत्यधिक विश्वास, सद्भावना और आपसी समझ शामिल है।’’
सेना ने कहा कि जनरल पांडे भूटान के तीसरे राजा जिग्मे दोरजी वांगचुक की याद में बनाए गए थिंपू स्थित राष्ट्रीय स्मारक चोर्टेन में श्रद्धांजलि अर्पित कर अपनी यात्रा की शुरुआत करेंगे। बयान में कहा गया कि सेना प्रमुख दोनों सेनाओं के बीच मजबूत सांस्कृतिक और पेशेवर संबंधों को आगे बढ़ाने पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए रॉयल भूटान सेना में अपने समकक्ष के साथ व्यापक चर्चा करेंगे।
डोकलाम पठार भारत के सामरिक हित के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र माना जाता है। चीन द्वारा उस क्षेत्र में एक सड़क का विस्तार करने की कोशिश करने के बाद, जिसे भूटान अपना होने का दावा करता है, डोकलाम त्रिकोणीय बिंदु पर भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच 73 दिनों तक गतिरोध रहा।