राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के प्रमुख जयंत चौधरी रविवार को एक बार फिर किसानों की राजधानी कही जाने वाली सिसौली में हाजिरी दी। यहां उन्होंने महेंद्र सिंह टिकैत को श्रद्धांजलि देते हुए अमर किसा ज्योति पर घी की आहुति दी। इसके बाद उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत का आशीर्वाद लिया। खुद जयंत चौधरी ने यह तस्वीर सार्वजनिक करते हुए संदेश देने की कोशिश की है कि टिकैत परिवार का समर्थन उनके साथ है।
विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से ठीक चार दिन पहले आई इस तस्वीर के सियासी मायने हैं और टिकैत परिवार जिस बात को अपनी जुबान से कहने में हिचकिचा रहा है, उसे इस तस्वीर के जरिए कहने की कोशिश की गई है। बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत बीजेपी को सजा देने की बात तो करते हैं, लेकिन गठबंधन का खुलकर समर्थन करने से बच रहे हैं। पिछले दिनों नरेश टिकैत ने गठबंधन को वोट देने की अपील कर दी थी, लेकिन कुछ ही घंटों में वह सफाई देने लगे। नरेश टिकैत की इस अपील के अगले ही दिन बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान उनके घर पहुंच गए थे।
आरएलडी इस बार समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है। सपा गठबंधन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन का गढ़ रहे पश्चिमी यूपी में किसानों की बीजेपी से कथित नाराजगी को भुनाने की कोशिश में है। आंदोलन का चेहरा रहे राकेश टिकैत कृषि कानूनों की वापसी के बावजूद एमएसपी गारंटी कानून सहित कई मुद्दों पर बीजेपी सरकार का विरोध कर रहे हैं। हालांकि, वह खुलकर किसी पार्टी के समर्थन में वोट की अपील करने से बचते आ रहे हैं। जयंत और नरेश की मुलाकात की तस्वीरों से एक बार फिर यह संदेश देने की कोशिश की गई है कि टिकैत परिवार सपा गठबंधन के साथ है। गन्ना बेल्ट में किसानों के अलावा जाट समुदाय के वोटर्स पर टिकैत परिवार का लंबे समय से काफी प्रभाव रहा है।