जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाओं में बढ़ोतरी के बीच सेना ने एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें यह दिखाया गया है कि कैसे समाज के हर वर्ग ने आतंकवाद के घावों को झेला है। सेना नागरिकों को आश्वस्त कर रही है कि घाटी में स्थिरता के लिए उनकी लड़ाई में वह उनके साथ है। भारतीय सेना के चिनार कोर ने ‘कश्मीर फाइट्स बैक’ टाइटल से वीडियो अपलोड किया है। इसमें नागरिकों की पीड़ाओं को दिखाने का प्रयास है। यह बताया गया है कि लोगों की आस्था कुछ भी हो… सुरक्षा बल आतंकवाद को समाप्त करने और सामान्य स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं
वीडियो के साथ लिखा गया है कि ‘दशकों के आतंकवाद ने हमें अनाथों, विधवाओं, रोती हुई माताओं और असहाय पिताओं के साथ छोड़ दिया है।’ वीडियो में कश्मीरी पंडितों के पलायन, बचाव अभियान और पथराव की घटनाओं के दृश्य दिखाए गए हैं। इस बात पर प्रकाश डाला गया है कि कैसे आतंकवादियों ने दशकों से घाटी के युवाओं को गुमराह किया है और विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी को भड़काया है। यह सांप्रदायिक सद्भाव के महत्व को रेखांकित करता है।
युवाओं को गुमराह करने की कोशिश हुई’
इसमें कहा गया है कि उन्होंने हमारे समाज को विभाजित करने की कोशिश की। हमारे युवाओं को गुमराह करने की कोशिश की। उन्होंने हमारे साथियों (संतों की भूमि) को युद्ध के मैदान में बदलने की कोशिश की। वीडियो में पत्रकार शुजात बुखारी, सामाजिक कार्यकर्ता अर्जुमंद मजीद, माखन लाल बिंदरू, सरपंच अजय पंडिता, सुपिन्दर कौर, वसीम बारी, लेफ्टिनेंट उमर फयाज, अयूब पंडिता और परवेज अहमद डार सहित आतंकवादियों द्वारा मारे गए कश्मीरियों को भी श्रद्धांजलि दी गई है।
आतंकवाद-कट्टरता से एक साथ लड़ने का संदेश
वीडियो में सुरक्षा कर्मियों को नागरिकों और बच्चों को दिलासा देते हुए दिखाया गया है। यह आतंकवाद व कट्टरता से एक साथ लड़ने के संदेश के साथ समाप्त होता है। इसमें कहा गया है कि कश्मीर इस लड़ाई में अकेला नहीं है। अतीत में आपके साथ थे। भविष्य में आपके साथ रहेंगे। हम साथ मिलकर इस लड़ाई को जीतेंगे। आवाम और जवान हाथ में हाथ डाले हुए हैं।