पिछले 18 सालों में पहली बार मानसून इतनी देरी से पहुंचेगा। इससे पहले 2002 में 19 जुलाई को मानसून आया था। वहीं 2012 में सात जुलाई 2006 में नौ जुलाई और 1987 में 26 जुलाई को मानसून पहुंचा था।
बारिश के दिनों में दिल्ली-एनसीआर के लोग उमस और तपिश से परेशान हैं। ऐसे में मानसून का बेसब्री से इंतजार कर रहे लोगों के लिए शनिवार को राहत की बारिश हो सकती है। दरअसल, दक्षिण-पश्चिमी मानसून के दिल्ली में दस्तक देने की प्रबल संभावना है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से चला मानसून दिल्ली एनसीआर में भी होगा सक्रिय। समय से पहले मानसून के आने की संभावना जताई गई थी, लेकिन इस साल यह अपने निर्धारित समय से भी देरी से आया है। मौसम विभाग ने अगले दो दिन के लिए देहरादून समेत छह जिलों में बारिश को लेकर आरेंज अलर्ट जारी किया है।
अगले 24 घंटे में धीमी गति से बढ़ रहे दक्षिण पश्चिमी मानसून के दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब और राजस्थान के शेष इलाकों में पहुंचने के आसार हैं। इसके बाद अगले पांच से छह दिन राजधानी में हल्की से लेकर मध्यम स्तर तक की बारिश हो सकती है। मौसम विभाग के अनुसार बंगाल की खाड़ी की तरफ से आने वाला मानसून तेजी से बढ़ रहा है। 10 जुलाई को पंजाब के कई हिस्सों में ठंडी हवा चलने से तापमान में गिरावट आएगी। वहीं मानसून 11 व 12 जुलाई को पूरे प्रदेश को कवर कर लेगा। हिमाचल प्रदेश के सात जिलों चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सोलन व सिरमौर में शनिवार व रविवार को भारी बारिश की चेतावनी है।
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में अच्छी बारिश होने की उम्मीद जताई है। कोटा, जयपुर उदयपुर, भरतपुर और अजमेर संभाग के कुछ हिस्सों में मानसून के सक्रिय होने की संभावना के साथ राज्य के अधिकांश स्थानों पर शनिवार को बारिश होने की पूरी उम्मीद है।
केरल में दो दिन देरी से पहुंचने के बाद मानसून ने रफ्तार पकड़ते हुए पूर्वी, मध्य एवं उत्तर-पश्चिमी भारत को सात से 10 दिन पहले ही कवर कर लिया था। लेकिन, इसके बाद मौसमी परिस्थितियों के अनुकूल न होने के कारण देश के बाकी हिस्सों में धीमी गति से बढ़ रहा था। आमतौर पर दिल्ली में मानसून 27 जून तक पहुंच जाता है।
वहीं, तमिलनाडु और दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों में मानसून की स्थिति मजबूत बनी हुई है। केरल, लक्षद्वीप, तटीय कर्नाटक, तमिलनाडु और पुडुचेरी के अधिकांश स्थानों के अलावा तेलंगाना तथा तटीय आंध्र प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश हुई। आईएमडी के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने से अगले पांच दिनों में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में भारी बारिश वर्षा होने की संभावना है।