जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी राहुल भट की हत्या को लेकर घाटी में एक बार फिर उबाल है। इस हत्याकांड की कश्मीर टाइगर्स ने जिम्मेदारी ली है। कश्मीर टाइगर्स का जिक्र आते ही एक बार फिर कश्मीर में जैश-ए-मोहम्मद का नाम गूंजना लगा है। खुफिया इनपुट्स है कि जैश कश्मीर टाइगर्स की मदद से घाटी को फिर खून में रंगना चाहता है, खासकर कश्मीरी पंडितों के मन में दहशत फैलाना चाहता है।
खुफिया इनपुट्स हैं कि आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद घाटी में आतंकी दहशत को फैलाने के लिए अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को निशाना बना रहा है। एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने कहा, “अफगानिस्तान के इस्लामी तालिबान और विश्व स्तर पर नामित हक्कानी नेटवर्क के पतन के बाद बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद के नेतृत्व का मानना है कि वे भारतीय सुरक्षा बलों की ताकत का भी मुकाबला कर सकते हैं।”
घाटी में आतंक फैला रहे जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर पाकिस्तान के बहावलपुर से एक आतंकी फैक्ट्री चला रहा है। हालांकि पाक सरकार अजहर के अपने मुल्क में न होने का कई बार झूठा ढोल पीट चुकी है। बुधवार को राहुल भट की हत्या ने एक बार फिर साबित कर दिया कि मसूद अजहर का मकसद कश्मीर में एक बार फिर हिन्दुओं को निशाना बनाना है, क्योंकि हत्या से पहले हथियारों से लैस आतंकियों ने कश्मीरी पंडितों घाटी छोड़ो की धमकी भी दी थी।
कश्मीरी पंडितों पर हमले क्यों
जैश-ए-मुहम्मद की हताशा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उसके दो आतंकवादी सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में ढेर हो गए थे, जो एक पखवाड़े पहले जम्मू में सुंजवां सैन्य स्टेशन से सटे इलाके में तलाशी अभियान के बाद भड़के थे। सुरक्षा बलों ने कहा था कि एक आतंकवादी ने आत्मघाती जैकेट भी पहन रखा था और उसने जम्मू में आत्मघाती हमले की योजना बनाई थी। आतंकवादियों ने खुद को उड़ाने और बड़े पैमाने पर हताहत करने की योजना बनाई थी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जम्मू-कश्मीर यात्रा को बाधित करने की भी योजना बनाई थी।