खराब स्वास्थ्य के कारण ही राहुल गांधी बुधवार शाम सदर बाजार विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत शहजादा बाग में चुनावी जनसभा को भी संबोधित नहीं कर सके थे. हालांकि उन्होंने एक संदेश के माध्यम से लोगों से कांग्रेस पार्टी को जीत दिलाने की अपील की. 24 जनवरी को भी राहुल गांधी की रैली मादीपुर में शेड्यूल है. देखना है कि वो इसमें हिस्सा ले पाते हैं या नहीं. राहुल गांधी ने वैसे तो सीलमपुर में पहली जनसभा की थी, लेकिन उसके बाद उनकी रैलियों का क्रम दोबारा शुरू नहीं हो पाया.
इधर, दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने बताया कि राहुल गांधी बीमार हैं. डॉक्टरों ने उन्हें आराम की सलाह दी है, इसलिए वह मुस्तफाबाद की रैली में भी शामिल नहीं हो पाएंगे. दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग होनी है. सूत्रों के मुताबिक, आगामी बचे हुए दिनों मे अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, सचिन पायलट, अशोक गहलोत और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे दिल्ली में कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरेंगे.
दिल्ली में सचिन पायलट राहुल गांधी और कांग्रेस को बूस्टर डोज देंगे. पायलट खेमा भी उत्साहित है. अशोक गहलोत भी स्वास्थ्य लाभ पर होने की वजह से उतने सक्रिय दिखाई नहीं दे रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और भूपेश बघेल विधानसभा चुनाव हारने के बाद सीन से लगभग गायब हैं. ऐसे में सचिन पायलट दिल्ली में मोर्चा संभाले हुए हैं. दिल्ली में कांग्रेस के नए राष्ट्रीय कार्यालय के उद्घाटन से लेकर कांग्रेस के घोषणा पत्र तक वह लगातार सक्रिय दिखे. सचिन पायलट हर बार राहुल गांधी के बगल वाली कुर्सी पर बैठे दिखे. लोकसभा चुनाव के दौरान भी सचिन पायलट ने राजस्थान में सक्रियता दिखाई थी. कांग्रेस को उसका फायदा भी मिला था.
सचिन पायलट राजस्थान की सियासत को साधते हुए दिल्ली में हाईकमान के भीतर अपनी पैठ लगातार बढ़ा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक, चार दिन पहले सोनिया गांधी के दिवंगत निजी सचिव माधवन को लेकर एक कार्यक्रम में सोनिया गांधी और राहुल गांधी शरीक हुए थे. इनके अलावा, पायलट भी वहां मौजूद थे. सोनिया और राहुल के साथ पायलट की तस्वीर भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुई थी. पायलट समर्थक लगातार कह रहे हैं कि उन्हें जल्द ही बड़ी जिम्मेदारी मिलने वाली है.
कांग्रेस हाल ही में उस समय भी चर्चा में आए थे जब उनके लेटरपैड पर कांग्रेस ने दिल्ली चुनाव को लेकर स्टार प्रचारकों की सूची चुनाव आयोग को भेजी. आमतौर पर नामों की सिफारिश संगठन के महासचिव करते हैं. पायलट के हस्ताक्षर से भेजे गए इन नामों के कई राजनीतिक संदेश निकाले गए. माना जा रहा है कि उनकी नजर कांग्रेस महासचिव के पद पर है.