भारत की शीर्ष वायरोलॉजिस्ट डॉ गगनदीप कांग ने शुक्रवार को कहा कि कोविड महामारी की कई और लहरें आएंगी क्योंकि यह एक सांस से संबंधित वायरस है और इस तरह के वायरस मौसम में बहुत अधिक समय तक रहते हैं। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह बहुत स्पष्ट है कि हमें SARS-COv-2 वायरस के साथ जीना सीखना होगा।” समाचार एजेंसी एएनआई के साथ इंटर्व्यू में डॉ कांग ने कहा कि देश दो साल पहले की तुलना में बेहतर तरीके से तैयार है और लोगों को अब कोविड-19 के साथ जीना सीखना चाहिए।
शीर्ष वायरोलॉजिस्ट की ये प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है जब भारत ओमिक्रॉन के चलते कोरोना मामले बढ़ रहे हैं और भारत नई संभावित लहर की दहलीज पर है। पिछले कुछ दिनों में, कोविड के मामलों की दैनिक संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जबकि ओमिक्रॉन के मामले भी बढ़ रहे हैं। बता दें कि 3 जनवरी से, भारत 15 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों को टीके लगाएगा। 10 जनवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स और कॉमरेडिडिटी वाले वरिष्ठ नागरिकों को भी प्रिकॉशन खुराक दी जाएगी।
बच्चों को भेजा जाए स्कूल
डॉ कांग ने कहा, “मेरा मानना है कि हमें बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए, क्योंकि आम तौर पर बच्चों में COVID-19 संक्रमण बहुत गंभीर नहीं होते हैं। भारत में बूस्टर खुराक के रूप में किस टीके का उपयोग किया जाना चाहिए, इस निर्णय को सूचित करने के लिए उपलब्ध डेटा बहुत कम है।” उन्होंने कहा, “याद रखने वाली महत्वपूर्ण बात यह है कि हम आज उसी स्थिति में नहीं हैं जैसे हम दो साल पहले थे। हमारे पास बहुत सारे उपकरण उपलब्ध हैं, जांच का इस्तेमाल कैसे करें, किस प्रकार का ट्रीटमेंट काम करता है, और टीके का कैसे इस्तेमाल व करें व बनाएं, इन सबको लेकर बेहतर समझ है।”
बार-बार आते रहते हैं वायरस
ओंमिक्रॉन का प्रभाव अन्य वैरिएंट की तुलना में कुछ हद तक कम गंभीर प्रतीत हो रहा है। वायरोलॉजिस्ट ने कहा, “मुझे लगता है कि तीसरी और अन्य लहरों के बारे में याद रखने वाली महत्वपूर्ण बात यह है कि तीसरी या चौथी या पांचवीं लहर भी आएगी। ये ऐसे वायरस हैं जो बार-बार वापस आते रहते हैं।