देश में ओमिक्रॉन वैरिएंट के तेजी से प्रसार के बीच केंद्र सरकार ऐक्शन मोडी में आ गई है। एक तरफ जहां मंगलवार को केंद्र की तरफ से सभी राज्यों को कोरोना संबंधी सख्तियां बढ़ाने को कहा गया है तो वहीं, अब गुरुवार को खुद पीएम मोदी एक बड़ी बैठक करने वाले हैं। इस बैठक में पीएम मोदी कोरोना की स्थिति को लेकर समीक्षा करेंगे। बता दें कि ताजा आंकड़ों के मुताबिक, देश में ओमिक्रॉन के कुल 213 मामले हो गए हैं।
ओमिक्रॉन वैरिएंट के सबसे ज्यादा मामले राजधानी दिल्ली में हैं। वहीं, महाराष्ट्र अब दूसरे नंबर पर है। पिछले 24 घंटे में देश के अंदर कोरोना से कुल 318 लोगों की जान गई है। दिल्ली में ओमिक्रॉन के 57 मामले दर्ज किए गए हैं तो वहीं महाराष्ट्र में यह आंकड़ा 54 है।
दूसरी तरफ देश में ओमिक्रॉन संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच टीकाकरण की धीमी रफ्तार और बूस्टर डोज को लेकर विपक्ष की तरफ से सरकार की घेराबंदी शुरू हो गई है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि हमारी अधिकांश आबादी का अभी भी टीकाकरण नहीं हुआ है। भारत सरकार बूस्टर शॉट्स कब शुरू करेगी? बता दें कि केंद्र सरकार ने कहा था कि वह इस साल के अंत तक व्यस्क आबादी का टीकाकरण पूरा कर लेगी।
राज्यों को चिट्ठी के जरिए दी थी चेतावनी
इससे पहले केंद्र सरकार ने कोरोना के ओमिक्रॉन मामलों को देखते हुए राज्यों को चेतावनी जारी की थी। केंद्र ने बताया कि ओमिक्रॉन स्वरूप डेल्टा की तुलना में तीन गुना अधिक संक्रामक है। ऐसे में इसे फैलने से रोकने के लिए राज्य वॉर रूम केंद्रों को सक्रिय करें। साथ ही जिला एवं स्थानीय स्तर पर सख्त एवं त्वरित कार्रवाई की जानी चाहिए।
नाइट कर्फ्यू और निगरानी बढ़ाने पर जोर
राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लिखे पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने परीक्षण और निगरानी बढ़ाने के अलावा रात में कर्फ्यू लगाने, बड़ी सभाओं का सख्त नियमन, शादियों और अंतिम संस्कार कार्यक्रमों में लोगों की संख्या कम करने जैसे रणनीतिक निर्णय को लागू करने की सलाह दी। पत्र में उन उपायों पर प्रकाश डाला गया है, जिन्हें देश के विभिन्न हिस्सों में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि के शुरुआती संकेतों के साथ-साथ चिंता बढ़ाने वाले स्वरूप ओमिक्रॉन का पता लगाने के लिए उठाए जाने की आवश्यकता है।