राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Elections) में दो मीडिया दिग्गजों की आखिरी मिनट में एंट्री ने कम से कम दो राज्यों राजस्थान और हरियाणा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला खड़ा कर दिया है। संसद के उच्च सदन के सदस्य और ज़ी समूह के अध्यक्ष सुभाष चंद्रा ने भाजपा के समर्थन के साथ राजस्थान से अपना नामांकन दाखिल किया। यहां कांग्रेस चार में से दो और बीजेपी एक सीट जीतने की स्थिति में है। अब चौथी सीट के लिए मुकाबला सुभाष चंद्रा के साथ होगा, जो कांग्रेस के प्रमोद तिवारी को चुनौती देंगे।
कथित तौर पर भाजपा राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस में अशोक गहलोत बनाम सचिन पायलट विवाद में पनप रही नाराजगी का फायदा उठाने की कोशिश में है। आपको बता दें कि कांग्रेस यहां राज्यसभा उम्मीदवारों की अपनी पसंद पर गुस्से का सामना कर रही है। कांग्रेस कैंडिडेट रणदीप सुरजेवाला, मुकुल वासनिक और प्रमोद तिवारी सभी अन्य राज्यों से हैं और स्थानीय विधायकों द्वारा बाहरी के रूप में देखे जाते हैं।
राजस्थान में बढ़ी निर्दलीय विधायकों की भूमिका
वसुंधरा राजे कैबिनेट के पूर्व मंत्री रहे घनश्याम तिवारी बीजेपी के उम्मीदवार हैं। 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में प्रत्येक उम्मीदवार को जीतने के लिए 41 वोट चाहिए। कांग्रेस के पास 108 विधायक हैं और भाजपा के पास 71 वोट हैं। बीजेपी के पास 30 सरप्लस वोट हैं और दूसरी सीट जीतने के लिए उसे 11 और वोट चाहिए। तीसरी सीट जीतने के लिए कांग्रेस को 15 और वोट चाहिए। इसलिए, छोटे दल और निर्दलीय उम्मीदवार सीट जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। 13 निर्दलीय, दो राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के सदस्य, भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) के दो और सीपीएम के दो विधायक हैं, जो निर्णायक कारक हो सकते हैं।
हरियाणा में भी ठीक नहीं हालात
भाजपा शासित हरियाणा में कांग्रेस को एक सीट पर कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ेगा। आईटीवी नेटवर्क के प्रबंध निदेशक कार्तिकेय शर्मा हरियाणा से राज्यसभा चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं। उनके आने से कांग्रेस के अजय माकन की पिच पर सवालिया निशान लग सकता है। कार्तिकेय शर्मा कांग्रेस के पूर्व नेता विनोद शर्मा के बेटे और हरियाणा के पूर्व स्पीकर कुलदीप शर्मा के दामाद हैं। उन्हें भाजपा के साथ-साथ जजपा (जननायक जनता पार्टी) का भी समर्थन प्राप्त है। जजपा नेता अजय सिंह चौटाला ने कहा कि पार्टी के सभी 10 विधायक कार्तिकेय शर्मा का समर्थन करेंगे। किसी भी पार्टी को एक सीट जीतने के लिए 31 वोट चाहिए। कांग्रेस के पास 31 हैं। भाजपा के पास नौ सरप्लस वोट हैं, जिसे वह शर्मा को ट्रांसफर कर सकती है।