अयोध्या में बनने वाला भगवान राम का मंदिर इतना भव्य और दिव्य होगा जिसकी कल्पना करना भी मुश्किल है। रामलला के मंदिर की कई विशेषताओं में से एक विशेषता ये होगी कि रामनवमी के दिन रामलला का अभिषेक सूर्य की पहली किरण से होगा। जी हां, रामनवमी के दिन भगवान सूर्य अपनी पहली किरण से रामलला का अभिषेक करेंगे। मंदिर निर्माण में इस तरह की व्यवस्था की जा रही है कि सूर्य की पहली किरण रामलला के मस्तक को प्रकाशित करे। यही नहीं मंदिर परिसर में रामायणकालीन वृक्ष लगाए जा रहे हैं। यानी आने वाले दिनों में जब राम मंदिर बनकर तैयार होगा और आप उसके दर्शन करने जाएंगे तो आप अपनी आखों से उस दिव्यता को महसूस कर पाएंगे तो राम राज्य में मिला करती थी।
सूर्य की पहली किरण से रामलला का अभिषेक हो सके इसके लिए आर्किटेक्ट के साथ-साथ अंतरिक्ष वैज्ञानिकों से भी सहयोग लिया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक रामलला का मंदिर 20 एकड़ जमीन पर होगा और बाकी की 50 एकड़ जमीन पर हरियाली की जाएगा और वाल्मीकि रामायण में जिन वृक्षों का जिक्र किया गया है वो वृक्ष लगाए जाएंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के मुताबिक भगवान राम का जन्म रामनवमी के दिन दोपहर बारह बजे हुआ था। इसलिए ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि हर रामनवमी पर सूर्य भगवान मंदिर के गर्भ गृह में भगवान राम के मस्तक को प्रकाशित कर सकें। अंतरिक्ष वैज्ञानिक भी इस बारे मे काम कर रहे हैं।
चंपत राय के मुताबिक 70 एकड़ जमीन में से 50 एकड़ जमीन पर पेड़ पौधे लगेंगे और पूरी हरियाली होगी। रामलला मंदिर परिसर में कौन-कौन से वृक्ष लगाए जा सकते हैं इसको लेकर रिसर्च चल रहा है।