एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी लगातार सुर्खियों में बने रहते हैं. अब उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है, जिसकी वजह से सबकी निगाहें ओवैसी पर टिक गई हैं.
ओवैसी जल्द ही अयोध्या में शोषित वंचित समाज सम्मेलन करने जा रहे हैं, लेकिन इसके पहले ही विवाद शुरू हो गया है. दरअसल, ओवैसी वाले पोस्टर में अयोध्या की जगह फैजाबाद नाम लिखा गया है. इसको लेकर बवाल शुरू हो गया.
अयोध्या के कई संत इस बात से नाराज हैं कि असदुद्दीन ओवैसी के सम्मेलन वाले पोस्टर पर अयोध्या के बजाय फैजाबाद लिखा है, लेकिन अयोध्या विवाद में पूर्व पक्षकार रहे इकबाल अंसारी का कहना है कि अयोध्या में ओवैसी की जरूरत नहीं है. वह मुसलमानों को धोखा देते हैं. इस वजह से हिंदुस्तान के मुसलमानों को ओवैसी से सावधान रहना चाहिए.
सात सितंबर को होगा शोषित वंचित समाज सम्मेलन
अयोध्या से 40 किलोमीटर दूर रुदौली क्षेत्र में 7 सितंबर को शोषित वंचित समाज सम्मेलन होना है. इसमें एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी पहुचेंगे. इसके लिए पार्टी की स्थानीय इकाई की तरफ से कुछ स्थानों पर पोस्टर लगाए जा रहे हैं. इसमे स्थान का नाम फैजाबाद लिखा हुआ है, जबकि अब फैज़ाबाद जिला अयोध्या हो चुका है. यही कारण है संतों ने असदुद्दीन ओवैसी को लेकर मोर्चा खोल दिया है. अयोध्या के संतों का कहना है कि ओवैसी को अयोध्या से विरोध है इसीलिए अयोध्या के स्थान पर जनपद फैजाबाद लिखा जा रहा है. इसको लेकर संत समाज विरोध करेगा.
राजू दास बोले- चुनावी दुकान चलाने को ओवैसी कर रहे ऐसा
हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी ने अयोध्या जिले को फैजाबाद का नाम दिया है. अपने सम्मेलन को भी शोषित वंचित समाज सम्मेलन का नाम दिया है. शोषित वंचित के साथ जब प्रताड़ना होती है तब चिंता नहीं करते हैं. चुनाव के समय में दुकान चलाने के लिए ओवैसी ऐसा सम्मेलन कर रहे हैं.
महंत राजू दास ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि संसद देश का मंदिर है और उसके सदस्य ओवैसी हैं, उसके बावजूद उनकी भाषा ऐसी है. उन्हें अयोध्या से चिढ़ क्या है? क्यों अयोध्या जिले को फैजाबाद कह रहे हैं. सरकारी अभिलेख में भी अयोध्या जिले के नाम दर्ज हो गया है. पोस्टर पर छपाया गया फैजाबाद का नाम दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि ओवैसी की विचारधारा और उनके कार्य की पुरजोर निंदा करते हैं और पोस्टर को हटाने की मांग करते हैं.
‘मुख्यमंत्री और अयोध्यावासियों का अपमान है’
उधर, तपस्वी छावनी के संत परमहंस आचार्य ने कहा, ”ओवैसी के अयोध्या दौरे पर जो पोस्टर लगाए जा रहे हैं उसमें फैजाबाद लिखा जा रहा है, जबकि मुख्यमंत्री ने फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया है . यह मुख्यमंत्री और अयोध्यावासियो का अपमान है सभी पोस्टर जो लगाए जा रहे हैं. उनको तत्काल हटाया जाए उस पर अयोध्या लिखा जाए. यदि पोस्टर से फैजाबाद नहीं हटाते हैं तो अयोध्या जिले में उनका प्रवेश वर्जित किया जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो एआईएमआईएम के सम्मेलन को अयोध्या जिले में किसी भी सूरत में नहीं होने दिया जाएगा.
इकबाल अंसारी बोले- ओवैसी के भड़कावे में न आएं मुसलमान
वहीं, बात सिर्फ अयोध्या के साधु-संतों की नहीं है, मुस्लिम समाज की तरफ से भी इसको लेकर तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है. अयोध्या विवाद में मुख्य मुस्लिम पक्षकार रहे इकबाल अंसारी सीधे तौर पर मुस्लिमों से अपील करते दिखाई दे रहे हैं कि मुसलमान ओवैसी के भड़कावे में ना आए. यही नहीं, इकबाल अंसारी ने कहा है कि अयोध्या में ओवैसी की जरूरत नहीं है. ओवैसी का काम बस मुसलमानों को धोखा देना है, इसलिए हिंदुस्तान के मुसलमानों को ओवैसी से होशियार रहना चाहिए.
इकबाल अंसारी ने कहा, ”जितने भी नेता हैं सभी लोग अयोध्या से 2022 के चुनाव का बिगुल फूंक रहे हैं. असदुद्दीन ओवैसी भी अयोध्या आ रहे हैं. अयोध्या में ओवैसी की जरूरत नहीं है. मुस्लिमों पर राजनीति करना नेताओं की एक बड़ी सोच है. यह लोग मुसलमानों को लेकर राजनीति करते रहते हैं. ओवैसी साहब से लोग होशियार रहें. प्रदेश की राजनीति कर मुसलमानों को धोखा देना है. अयोध्या में ओवैसी द्वारा सम्मेलन किया जाना यह अच्छी बात नहीं है.
एक दिन के दौरे पर जयपुर पहुंचे ओवैसी
वहीं, राजस्थान में आज एआईएमआईएम चीफ ओवैसी की एक दिन की गुप-चुप यात्रा लेकर चर्चा रही. ओवैसी शनिवार सुबह जयपुर पहुंचे थे और कुछ खास लोगों से ही घर पर मुलाकात की. बताया जाता है कि उनके साथ उत्तर प्रदेश के कुछ नेता भी थे. शाम को वह स्पाइस जेट की फ़्लाइट से हैदराबाद रवाना हो गए. इस यात्रा के बारे में ओवैसी की पार्टी से जुड़े लोगों ने भी कुछ भी नहीं कहा और ओवैसी ने भी एयरपोर्ट पर बात करने से इंकार कर दिया.