शिवपाल यादव की आजम खान से मुलाकात के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) में खलबली मच गई है। अब तक नेताओं की नाराजगी को हल्के में ले रहे अखिलेश यादव डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं। बुरे समय में दरकिनार किए जाने की वजह से आहत आजम खान की सुध लेने के लिए अखिलेश यादव ने अपने कई दूत भेज दिए हैं। रविवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के कहने पर विधायक रविदास मल्होत्रा पार्टी के कई विधायकों के साथ सीतापुर जेल पहुंचे और पार्टी के दिग्गज मुस्लिम नेता से मुलाकात की। इससे पहले 10 अप्रैल को आजम खान के मीडिया प्रभारी फसाहत अली खान उर्फ सानू ने अचानक अखिलेश यादव पर आजम खान की उपेक्षा का आरोप लगाकर यूपी की सियासत में खलबली मचा दी। उन्होंने कहा कि अखिलेश ने ना तो आजम को जेल से बाहर निकालने के लिए कोई प्रयास किया और ना ही उनसे मिलने गए। आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम इस पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन उनके कई करीबी नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा देकर मंशा जाहिर कर दी है।
इस बीच, अखिलेश से नाराज चल रहे चाचा शिवपाल यादव ने आजम खान से सीतापुर जेल में जाकर एक घंटे से अधिक देर तक बातचीत की है। अटकलें हैं कि शिवपाल यादव आजम खान के साथ कोई नया मोर्चा बना सकते हैं। अब तक शिवपाल की नाराजगी को हल्के में लेते आ रहे अखिलेश यादव की परेशानी चाचा के नए दांव से बढ़ गई है। उन्होंने पार्टी के कुछ नेताओं को आजम परिवार को मनाने की जिम्मेदारी सौंपी है।
पिछले दिनों सपा गठबंधन के साथी और राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख जयंत चौधरी ने रामपुर जाकर आजम परिवार से मुलाकात की थी। इसे भी नाराज परिवार को मनाने की कोशिश का हिस्सा बताया गया। हालांकि, खुद अखिलेश यादव ने कहा था कि उन्होंने जयंत को वहां नहीं भेजा था। पार्टी सूत्रों का कहना है कि आजम खान की जिस तरह मुसलमानों के बीच लोकप्रियता है, यदि वह पार्टी से अलग होते हैं तो अगले लोकसभा चुनाव में इसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। इसको ध्याम में रखकर आजम खान को मनाने की कोशिशें शुरू कर दी गई हैं।