उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी (सपा) छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में गईं अपर्णा यादव को लेकर शिवपाल यादव ने बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अपर्णा यादव को परिवार और समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ रहना चाहिए था। हालांकि शिवपाल ने कहा कि उनके पार्टी से बाहर होने से आगामी उत्तर प्रदेश चुनावों में पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। शिवपाल मुलायम सिंह यादव के भाई हैं और कहा जाता है कि उनकी उत्तर प्रदेश पर जमीनी पकड़ है।
करीबियों के छोड़ने से हम पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा: शिवपाल
बहू अपर्णा यादव और करीबी हरिओम यादव व प्रमोद गुप्ता जैसे परिवार के सदस्यों के सपा छोड़कर भाजपा का दामन थामने के बारे में पूछे जाने पर शिवपाल ने कहा कि इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह पूछे जाने पर कि क्या अपर्णा के जाने से गलत संदेश गया है, इस पर शिवपाल ने कहा, “अपर्णा को यह समझना चाहिए था … उन्हें परिवार और पार्टी के साथ रहना चाहिए था। प्रमोद गुप्ता को भी और अधिक धैर्य दिखाना चाहिए था क्योंकि वह समाजवादी पार्टी की विचारधारा का हिस्सा थे। उन्हें भी नहीं जाना चाहिए था।”
समाजवादी पार्टी के चुनाव चिह्न पर जसवंतनगर सीट से नामांकन दाखिल करने जाने से पहले शिवपाल ने अपने पैतृक गांव सैफई में सीएनएन-न्यूज18 को दिए एक इंटर्व्यू में कहा, “समाजवादी पार्टी एक पुरानी पार्टी है जिसे नेताजी मुलायम सिंह यादव ने स्थापित और पोषित किया। अखिलेश यादव ने गठबंधन किया है जिसमें हम हैं। सपा की एक विचारधारा है और जब हम उस विचारधारा का पालन करेंगे तो उस विचारधारा की जीत होगी। इसलिए हम पर इन लोगों के जाने का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।” शिवपाल ने पांच बार जसवंतनगर सीट से चुनाव जीता है और उनकी नई पार्टी ने इन चुनावों में अखिलेश यादव की सपा के साथ गठबंधन किया है
2017 के विवाद के बाद फिर करीब आया यादव परिवार
ज्ञात हो कि 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों में पारिवारिक फूट के बाद शिवपाल अखिलेश से अलग होकर चुनाव लड़े थे। पुराने मुद्दे पर बोलते हुए शिवपाल ने कहा, “हम हमेशा साथ रहे हैं लेकिन 2017 के चुनाव में परिवार में कुछ गलतफहमी हो गई थी। पिछली बार की तरह साइकिल सिंबल पर लड़ रहा हूं। मेरा अनुभव इन चुनावों में अखिलेश यादव की मदद करेगा। लोगों से मेरी अपील है कि गठबंधन को बड़ी जीत दिलाएं और 2022 में मुख्यमंत्री के तौर पर अखिलेश यादव के नेतृत्व में पूर्ण बहुमत से सरकार बनाएं।”