पंजाब – शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल पंजाब में 40 साल पुराने सिख समुदाय के जख्मों को कुरेद कर फिर से हरा कर रहे हैं. सुखबीर बादल ने फरीदकोट लोकसभा क्षेत्र में एक चुनावी रैली में ऑपरेशन ब्लू स्टार के बाद की क्षतिग्रस्त अकाल तख्त साहिब की फोटो दिखाते हुए कहा, ‘एक जून को मतदान करते समय ध्यान रखें कि 1984 में कांग्रेस ने क्या किया?’ ऐसे में सवाल उठता है कि पंजाब में सिख वोटरों को साधने और अकाली दल की सियासत को बचाए रखने के लिए सुखबीर बादल के पास यही आखिरी दांव था, जिसे वोटिंग से ठीक पहले चला है?
पंजाब की 13 लोकसभा सीटों पर 1 जून को मतदान होगा, जिसके लिए 328 उम्मीदवारों की किस्मत दांव पर लगी है. पंजाब की सियासत में कभी धुरी रही शिरोमणि अकाली दल अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. अकाली दल दो धड़ों में बंट चुकी है और प्रकाश सिंह बादल के दुनिया से अलविदा होते ही पार्टी के मजबूत नेता सुखबीर बादल का साथ छोड़ चुके हैं. बीजेपी के साथ गठबंधन टूटने के चलते 27 साल बाद शिरोमणि अकाली दल अकेले चुनाव मैदान में उतरी है. अकाली दल की कमान संभाल रहे सुखबीर सिंह बादल के लिए यह चुनाव अपने सियासी वजूद को बचाए रखना है. यही वजह है कि सुखबीर बादल हर सियासी दांव चल रहे हैं, जिससे अपनी खोई हुई सियासत को वापस पा सके.
पंजाब में हर साल जून का पहला सप्ताह 1984 के घावों को ताजा कर जाता है. एक जून से आठ जून तक केंद्र की तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने पंजाब में श्री अकाल तख्त साहिब में छिपे खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए सैन्य अभियान चलाया था, जिसे ऑपरेशन ब्लू स्टार कहा जाता है. ऐसे में पंजाब में वोटिंग से पहले शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल द्वारा रैलियों में दिखाए जा रहे पोस्टर 40 साल पुराने जख्मों को हरा कर रहे हैं.