भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक सदस्य ने शनिवार को तमिलनाडु में स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान एक मतदान केंद्र में प्रवेश करते समय हिजाब पहनी मुस्लिम महिला का विरोध किया। हालांकि बाद में पुलिस और अन्य राजनीतिक दलों के सदस्यों के हस्तक्षेप के बाद उस महिला ने अपना वोट डाला।
इस घटना से प्रतीत हो रहा है कि यह मुद्दा पड़ोसी राज्य कर्नाटक में हिजाब को लेकर चल रहे विवाद का नतीजा है। हिजाब को लेकर ये ताजा मामला तमिलनाडु के मदुरै जिले का है। समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा शेयर किए गए एक वीडियो फुटेज में, भाजपा के मतदान बूथ समिति के सदस्य को हिजाब पहने महिला मतदाता के कमरे में प्रवेश करने के बाद जोर-जोर से आपत्तियां उठाते देखा जा रहा है।
उस व्यक्ति ने कथित तौर पर महिला से हिजाब उतारने के लिए कहा। इसके बाद, पुलिस कर्मियों और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) और अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) के सदस्यों ने हस्तक्षेप किया। इन लोगों के हस्तक्षेप के बाद वह महिला अपने मताधिकार का प्रयोग करने में कामयाब रही। घटना के बाद पुलिसकर्मियों ने भाजपा सदस्य को कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए बूथ छोड़ने को कहा।
इस घटना के बारे में पूछे जाने पर, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और द्रमुक विधायक उदयनिधि स्टालिन ने कहा, “भाजपा हमेशा से ऐसा करती रही है। हम इसके पूरी तरह खिलाफ हैं। तमिलनाडु की जनता जानती है कि किसे चुनना है और किसे नकारना है। वे इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे।”
बता दें कि तमिलनाडु में 11 साल के अंतराल के बाद एक ही चरण में 21 निगमों, 138 नगर पालिकाओं और 490 नगर पंचायतों में 12,607 पदों के लिए शहरी स्थानीय निकाय चुनाव हो रहे हैं। भारी पुलिस सुरक्षा के अलावा सभी स्थानों पर वेब स्ट्रीमिंग और सीसीटीवी कैमरों सहित अतिरिक्त निगरानी प्रणाली लगाई गई है। राज्य में मतदान केंद्रों पर एक लाख पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।
ज्ञात हो कि कर्नाटक उच्च न्यायालय कुछ मुस्लिम लड़कियों द्वारा शैक्षणिक संस्थानों के अंदर हिजाब पहनने पर प्रतिबंध के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। राज्य की सीमाओं से परे फैले और अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करने वाले हिजाब मामले के बीच, अदालत ने अपने अंतरिम आदेश में छात्रों को ऐसी कोई भी पोशाक पहनने से रोकने का आदेश दिया है, जिसका शैक्षणिक संस्थानों के अंदर धार्मिक संबंध हो सकता है।