अधिकारियों ने कहा कि जूम इससे पहले भी कई सक्रिय अभियानों का हिस्सा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘जूम ने पहचान करने के बाद आतंकियों पर हमला किया जिस दौरान उसे भी दो गोलियां लगीं।’’ गोलियां लगने के बावजूद जूम लड़ता रहा और अपना काम पूरा किया, जिसके परिणामस्वरूप दो आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि इस बहादुर कुत्ते को सेना के पशु चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज चल रहा है। उन्होंने बताया कि जूम को आतंकवादियों का पता लगाने और उन्हें खत्म करने के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इस मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकवादियों को ढेर किया गया, हालांकि दो सैनिक भी घायल हुए हैं।
सेना ने अपने बहादुर कुत्ते की ट्रेनिंग का एक वीडियो शेयर किया है। ट्रेनिंग वीडियो देखकर ही आप अंदाजा लगा सकते हैं कि दुनिया का कोई भी आतंकी जूम से बच नहीं सकता।