कोरोना वायरस से जुड़ी इन भ्रांतियों में नहीं है सच्चाई, डब्ल्यूएचओ ने भी किया है साफ

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कोरोना वायरस से जुड़ी इन भ्रांतियों में नहीं है सच्चाई, डब्ल्यूएचओ ने भी किया है साफ

कोरोना वायरस से जुड़ी इन भ्रांतियों में नहीं है सच्चाई, डब्ल्यूएचओ ने भी किया है साफ

कोरोना वायरस की दूसरी लहर अपना कहर बरपा रही है। ऐसे में लोग खुद को इस जानलेवा वायरस से सुरक्षित रखने के लिए तरह−तरह के नुस्खे आजमा रहे हैं। इसी क्रम में, वह लोगों की सुनी−सुनाई बातों पर भी भरोसा कर रहे हैं और कई तरह के मिथ्स पर भी भरोसा कर रहे हैं।

कोरोना वायरस से निपटना इस समय देश के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। वैक्सीन ईजाद होने के बाद भी वायरस की दूसरी लहर अपना कहर बरपा रही है। ऐसे में लोग खुद को इस जानलेवा वायरस से सुरक्षित रखने के लिए तरह−तरह के नुस्खे आजमा रहे हैं। इसी क्रम में, वह लोगों की सुनी−सुनाई बातों पर भी भरोसा कर रहे हैं और कई तरह के मिथ्स पर भी भरोसा कर रहे हैं, हालांकि कई मिथ्स पूरी तरह से भ्रामक है और डब्ल्यूएचओ ने भी इसके बारे में लोगों को आगाह किया है। तो चलिए आज हम आपको कुछ ऐसे ही मिथ्स के बारे में बता रहे हैं, जिनकी सच्चाई के बारे में पहले ही डब्ल्यूएचओ साफ कर चुका है−

मिथ 1− अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर हर किसी के लिए नहीं है सुरक्षित

WHO के अनुसार, अल्कोहल−आधारित सैनिटाइज़र सभी के उपयोग के लिए सुरक्षित हैं। सैनिटाइज़र में मौजूद अल्कोहल कोई प्रासंगिक स्वास्थ्य समस्या पैदा नहीं करता है। एलर्जिक कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस और अल्कोहल के कारण हाथों के बालों का सफेद होना बहुत ही दुर्लभ प्रतिकूल प्रभाव हैं।

मिथ 2− अल्कोहल पीने से कोरोना से होता है बचाव

सच्चाई− यह एक बेहद पॉपुलर मिथ है, जिसमें कोई सच्चाई नहीं है। डब्ल्यूएचओ ने यह साफ किया है कि बीयर, शराब आदि अल्कोहल का सेवन करने से कोरोना वायरस से बचाव नहीं किया जा सकता है। इसके लिए आपको समय−समय पर हाथ धोना, मास्क पहनना और दो गज की दूरी को बनाए रखना होगा।

मिथ 3− विटामिन और मिनरल्स सप्लीमेंट लेने से नहीं होगा कोरोना

सच्चाई− यह भी पूरी तरह सच नहीं है। माइक्रोन्यूटिएंट्स, जैसे कि विटामिन सी, डी और जिंक आदि इम्यून सिस्टम को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करते हैं। जिससे शरीर को कई गंभीर बीमारियों से लड़ने में मदद मिलती है। लेकिन यह कहना कि इनके सेवन से आप  खुद को कोरोना से पूरी तरह से सुरक्षित रख सकते हैं, केवल एक मिथ है। आप इससे केवल अपने प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत कर सकते हैं।

मिथ 4− 5जी मोबाइल नेटवर्क फैला सकते हैं कोरोना

सच्चाई− वायरस रेडियो तरंगों/मोबाइल नेटवर्क पर टेवल नहीं कर सकते। कोविड−19 कई देशों में फैल रहा है जिनके पास 5 जी मोबाइल नेटवर्क नहीं है। कोविड−19 एक संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने या बोलने पर सांस की बूंदों से फैलता है। लोग दूषित सतह और फिर उनकी आंख, मुंह या नाक को छूने से भी संक्रमित हो सकते हैं।

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