कृषि कानूनों और पेगासस जासूसी विवाद सतिह कई मुद्दों पर विपक्षी सांसदों के हंगामे की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही लगातार बाधित हो रही है। आज राज्यसभा में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही सभापति वेंकैया नायडू भावुक हो गए। मंगलवार की घटना का जिक्र करते हुए वेंकैया नायडू ने कहा कि जब कृषि कानूनों का विरोध करते हुए कुछ सांसद मेज पर बैठ गए और अन्य सदस्य सदन की मेज पर चढ़ गए, तब इस राज्यसभा की सारी पवित्रता खत्म हो गई। उन्होंने कहा कि सदन में हंगामा करने वाले विपक्षी सांसदों को कार्रवाई का सामना करना होगा। बता दें कि मंगलवार को राज्यसभा में हंगामे की हद उस वक्त पार हो गई, जब कांग्रेस के एक सांसद ने मेज पर चढ़कर आसन की ओर रूल बुक फेंक दी।
इस तरह से पांच बार बाधित होने के बाद राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित करनी पड़ी थी।
राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने कहा कि मैं इस बात से बेहद दुखी हूं कि कुछ सदस्यों ने मॉनसून सेशन में बुरी तरह उपद्रव किया है। उन्होंने कहा कि आपकी ओर से किसी भी मसले पर बहस की जा सकती है और राय अलग-अलग हो सकती है, लेकिन जिस तरह से उपद्रव किया गया था, वह दुख पहुंचाने वाला है। हालांकि, वेंकैया नायडू की इस टिप्पणी के दौरान भी सदन में लगातार हंगामा जारी रहा। इस पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि चेयर से कुछ कहा जा रहा है तो फिर सुन लीजिए।
वेंकैया नायडू ने बुधवार को सदन में विपक्ष के बर्ताव की निंदा करते हुए कहा कि कल संसद में जो हुआ, उससे मैं बहुत दुखी हूं। कल जब कुछ सदस्य टेबल पर आए, तो सदन की गरिमा को चोट पहुंची और इसकी वजह से मैं पूरा रात नहीं सो पाया। वहीं सूत्रों की मानें तो राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू कल के हंगामे को लेकर विपक्षी सांसदों के खिलाफ एक्शन ले सकते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, सदन के नेता पीयूष गोयल और अन्य भाजपा सांसदों ने आज सुबह नायडू से मुलाकात की है।
बता दें कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे विपक्षी दलों मसलन कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वाम दल और आम आदमी पार्टी के सांसदों ने मंगलवार को राज्यसभा में एक हैरतअंगेज घटनाक्रम में महासचिव की मेज पर चढ़कर उस पर कब्जा कर लिया और जोरदार नारेबाजी की। इतना ही नहीं, राज्यसभा की मेज पर चढ़कर कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आसन की ओर रूल बूक भी फेंकी।
दरअसल, विपक्ष की मांग पर राज्यसभा में किसानों के मुद्दों पर चर्चा होने वाली थी, मगर ऐसा नहीं हो सका। राज्यसभा में चर्चा के बदले सिर्फ और सिर्फ हंगामा देखने को मिला। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा डेस्क पर चढ़कर नारेबाजी करते दिखे। इतना ही नहीं, काला कानून वापस लो का नारा लगाते हुए बाजवा ने आसन की ओर रूल बुक भी फेंक दी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है और भाजपाप नेता इस वीडियो के जरिए कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि कैसे विपक्षी दलों के नेता नारेबाजी कर रहे हैं और डेस्क पर चढ़कर बाजवा आसन की ओर रूल बुक फेंक रहे हैं।
बता दें कि मंगलवार को राज्यसभा की बैठक हंगामे के कारण दोपहर दो बजे से पहले दो बार और दो बजे के बाद तीन बार बाधित हुई। हंगामे के कारण उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया, प्रश्नकाल बेहद संक्षिप्त रहा और’देश में कृषि से संबंधित समस्याओं और उनके समाधान पर अल्पकालिक ‘ चर्चा में केवल दो ही वक्ता अपनी बात रख पाए। संसद का मॉनसून सत्र गत 19 जुलाई को शुरू हुआ था लेकिन दो सप्ताह से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच गतिरोध बना हुआ है और कार्यवाही एक दिन भी पूरे समय सुचारू ढंग से नहीं चल पायी है। सदन में केवल एक दिन देश में कोरोना के मुद्दे पर शांतिपूर्ण ढंग से चर्चा हुई थी।