भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यन स्वामी की ओर से 10 साल पहले की गई शिकायत के मामले में राहुल गांधी से ईडी इन दिनों पूछताछ कर रही है। उन्हें सोमवार को 9 घंटे तक ईडी के दफ्तर में बैठना पड़ा था और अब मंगलवार को भी दो राउंड में पूछताछ हो रही है। लंच से पहले साढ़े 4 घंटे तक राहुल गांधी से ईडी के अफसर नेशनल हेराल्ड केस में उनसे सवाल पूछते रहे। एक घंटे के लंच की मोहलत दी गई और राहुल गांधी फिर लौटे तो सवालों का सिलसिला जारी है। दरअसल नेशनल हेराल्ड अखबार की शुरुआत पंडित जवाहर लाल नेहरू ने की थी। इसके लिए एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड कंपनी का भी गठन किया गया था।
आरोप है कि 1930 में गठित इस कंपनी को 90 करोड़ रुपये का लोन कांग्रेस की ओर से दिया गया था और उसके एवज में उसका मालिकाना हक ले लिया गया। एजेएल की कुल संपत्ति 2,000 करोड़ रुपये के करीब है और उसका यंग इंडिया लिमिटेड ने अधिग्रहण कर लिया था, जिसके 38 फीसदी शेयर राहुल गांधी के पास हैं और इतने ही सोनिया गांधी पर हैं। इसके अलावा बाकी शेयर कांग्रेस के अन्य नेताओं के पास थे। कोर्ट के दस्तावेजों के मुताबिक कर्ज में डूबी एजेएल ने नेशनल हेराल्ड समेत अपने सभी प्रकाशनों को बंद कर दिया था। उस वक्त उस पर कांग्रेस का 90 करोड़ रुपये का लोन था, जो उसे समय-समय पर ब्याज मुक्त लोन के तौर पर दिया गया था।
2010 में यंग इंडिया ने किया था एजेएल का अधिग्रहण
कांग्रेस नेताओं के मालिकाना हक वाली कंपनी यंग इंडिया लिमिटेड ने 2010 में इस कंपनी का अधिग्रहण कर लिया था। यंग इंडिया लिमिटेड का गठन कंपनीज ऐक्ट के सेक्शन 25 के तहत हुआ था, जिसके तहत उसे नॉन-प्रॉफिट कंपनी बताया गया था औैर वह अपने शेयर होल्डर्स को लाभांश नहीं दे सकती। उसका एकमात्र मकसद अपने उद्देश्य की पूर्ति था, जो उसने पंजीकरण के दौरान कला, साहित्य, खेल और सामाजिक विकास का संवर्धन बताया था। इस मामले में कांग्रेस पर भी आरोप है कि कैसे एक राजनीतिक दल किसी वित्तीय संस्था को लोन दे सकता है, जो लाभ कमाने के मकसद से काम करती हो।
क्यों सोनिया और राहुल गांधी से पूछताछ कर रही है ED
ईडी सूत्रों का कहना है कि यंग इंडिया लिमिटेड के 76 फीसदी शेयर अकेले सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास ही हैं। इसीलिए उन्हें पूछताछ के लिए समन जारी किया गया है। बता दें कि सोनिया गांधी को भी एजेंसी ने 23 जून को पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित दफ्तर में बुलाया है। हालांकि कांग्रेस का सवाल है कि इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस कैसे हो सकता है। सोनिया औैर राहुल गांधी से पहले ईडी इस मामले में मल्लिकार्जुन खड़गे से भी पूछताछ कर चुकी है।