मातृत्व अवकाश की समय सीमा पर प्रधानमंत्री चुप क्यों?

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भारत सरकार और सिक्किम सरकार के बीच क्या अंतर है? सिक्किम भारत का एक राज्य है जो भारत सरकार द्वारा शासित है। जब सिक्किम सरकार महिलाओं को 1 साल तक का मातृत्व अवकाश (मैटरन‍िटी लीव) दे सकती है तो भारत सरकार ऐसा क्यों नहीं कर सकती?

स्मृति ईरानी जी महिला एवं बाल विकास मंत्री हैं और वो महिलाओं के हीत में अच्छी बाते भी कर लेती हैं फिर मातृत्व अवकाश (मैटरन‍िटी लीव) के लिए समय- सीमा को ओर बढ़ाने के लिए अभी तक उन्होंने कुछ क्यों नहीं कहा?

सवाल यह है कि जब सरकार के अधीन रहने वाली राज्य सरकारें खुद फैसले लेने में समर्थ है तो फिर बीजेपी शासित राज्यों और कांग्रेस शासित राज्यों में उनकी सरकारें महिलाओं के लिए क्यों इस फैसले को लेने में अब तक असमर्थ नजर आ रही है।

इस संबंध में ममता बनर्जी को भी मुद्दा उठाना चाहिए था. क्योंकि वह वर्तमान में हमारे देश की एक महिला मुख्यमंत्री हैं। वह लगभग 13 वर्षों से मुख्यमंत्री हैं।

विकास के मोर्चे पर देश के माननीय प्रधानमंत्री हमेशा से ही विपक्ष की अलोचना करते नजर आए हैं। लेकिन इस बार उनकी ये देरी कई सवाल खड़े कर रही है।

भारत में मातृत्व लाभ (संशोधन) विधेयक, 2016 को 2017 में संसद द्वारा पारित किया गया था, जिसके तहत 12 सप्ताह के वैतनिक मातृत्व अवकाश को बढ़ाकर 26 सप्ताह कर दिया गया था. इसका लाभ देश की लाखों कामकाजी महिलाओं को मिला. अब नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने इस अवकाश को और बढ़ाने को लेकर बयान दिया है.
फिक्की महिला संगठन (एफएलओ) ने पॉल के हवाले से एक बयान में कहा, “निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों को एक साथ बैठकर माताओं के मातृत्व अवकाश को छह महीने से बढ़ाकर नौ महीने करने के बारे में सोचने की जरूरत है.”

बयान के मुताबिक, पॉल ने कहा कि निजी क्षेत्र को बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए अधिक क्रेच खोलकर बच्चों की व्यापक देखभाल करने के साथ-साथ बुजुर्गों की देखभाल के लिए आवश्यक कार्य करने में नीति आयोग की मदद करनी चाहिए.

पॉल ने कहा, “चूंकि भविष्य में लाखों देखभाल कर्मियों की जरूरत होगी, इसलिए हमें व्यवस्थित सॉफ्ट और हार्ड स्किलिंग ट्रेनिंग विकसित करना होगा.”

फिक्की महिला संगठन की अध्यक्ष सुधा शिवकुमार का कहना है, “वैश्विक देखभाल अर्थव्यवस्था जिनमें बच्चों की देखभाल, बुजुर्गों की देखभाल और घरेलू कामों जैसे देखभाल शामिल हैं भुगतान और अवैतनिक श्रम की दृष्टि से महत्वपूर्ण क्षेत्र हैं. ये आर्थिक विकास, लिंग समानता और महिला सशक्तिकरण के मामले में अहम हैं.”

 

 

Edited By – Rahanur Amin Lashkar

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