केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तीन दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे। श्रीनगर में यूथ क्लब के 45 हजार सदस्यों को संबोधित करते हुए शाह ने एक तरफ जहां आतंकियों को सख्त संदेश दिया तो वहीं केंद्र शासित प्रदेश में हुए विकास की तारीफ की। अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार यहां पहुंचे गृहमंत्री ने 5 अगस्त 2019 को लिए गए फैसले के फायदे गिनाए। उन्होंने लोगों को पीओके और जम्मू-कश्मीर के हालात की तुलना करने को भी कहा।
गृहमंत्री ने आतंकियों और उनके मददगारों को सख्त संदेश देते हुए कहा, ”जम्मू कश्मीर की शांति में खलल डालना चाहते हैं, उनसे हम सख्ती से निपटेंगे। यह जो विकास की यात्रा शुरू हुई है इसमें कोई अडंगा नहीं डाल सकता है। यह हमारी प्रतिबद्धता है।”
आतंकवाद के खात्मे के लिए युवाओं से मदद की अपील करते हुए हुए गृहमंत्री ने कहा, ”आतंकवाद से यहां 40 हजार लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें सैनिक, आम नागरिक और आतंकवादी शामिल हैं। दहशतगर्दी और विकास साथ हो सकता है क्या? कभी नहीं। विकास की पहली शर्त है शांति। कौन इसको निकाल सकती है। सरकार निकाल सकती है क्या? ना भाई ना। सरकार को प्रयास कर सकती है, दहशतगर्दी को निकालने का काम यूथ क्लब के 45 हजार युवाओं को यह काम करना है। आपको शांति दूत बनकर युवाओं को बताना है कि यह रास्ता नहीं है।”
पाकिस्तान से हमदर्दी जताने वालों को जवाब देते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ”पाकिस्तान की बात करने को वालों को मैं कई जवाब दे सकता हूं, लेकिन मैं आज वह नहीं करूंगा। मैं तो युवाओं से बात करने आया हूं। मैं आपको पूछना चाहता हूं पास में ही पीओके है, हमें तो अभी जम्मू-कश्मीर के विकास से संतोष नहीं है, लेकिन एक बार पीओके से तुलना कर लेना, क्या मिला? गरीबी, अंधेरे और धुएं के अलावा क्या मिला? आज भी लकड़ियां जला कर खाना बनाया जाता है।”