धन शोधन के एक मामले में राहुल गांधी के प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश होने से एक दिन पहले कांग्रेस ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर बदले की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि पूर्व पार्टी प्रमुख ”पीछे नहीं हटेंगे।” राहुल गांधी को ‘नेशनल हेराल्ड-एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड’ सौदे संबंधी धन शोधन के मामले में 13 जून को ईडी के समक्ष पेश होना है।
ऐसे में कांग्रेस ने फैसला किया है कि पार्टी के सभी शीर्ष नेता और सांसद दिल्ली में ईडी के मुख्यालय तक विरोध मार्च निकालेंगे और ”सत्याग्रह” करेंगे। राज्यों में भी कांग्रेस नेता सोमवार को जांच एजेंसी के कार्यालयों तक मार्च निकालेंगे और ”सत्याग्रह” करेंगे।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि धन शोधन मामले में राहुल गांधी को भेजा गया ईडी का समन ”निराधार” है और ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा नेता या पार्टी द्वारा शासित राज्य जांच एजेंसी के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं। चिदंबरम ने कहा कि आगामी राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों के बीच एकता कायम करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए और ऐसा किया जाएगा।
राहुल और सोनिया गांधी को ईडी के समन और सोमवार को जांच एजेंसी के सामने पेश होने के निर्देश को लेकर कांग्रेस के शक्ति प्रदर्शन के फैसले के बारे में पूछे जाने पर चिदंबरम ने कहा, “मैं एक कांग्रेस सदस्य और एक वकील के रूप में अपनी बात रखना चाहता हूं। राहुल गांधी को पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) के तहत भेजा गया ईडी का समन निराधार है।”
पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, “धन शोधन के अपराध में ‘धन’ और ‘धन शोधन’ होना चाहिए। नेशनल हेराल्ड मामले में कर्ज को हिस्सेदारी में बदला गया है और उधार देने वाले बैंक नियमित आधार पर ऐसा करते हैं। इस मामले में पैसे का कोई लेन-देन नहीं हुआ, इसलिए इसे धन शोधन का मामला कैसे कहा जा सकता है।” उन्होंने दलील दी, “यह एक व्यक्ति पर ‘बटुआ छीनने’ का आरोप लगाने जैसा है, जबकि कोई बटुआ था ही नहीं और छीना भी नहीं गया।”