विधानसभा चुनाव में हार के बाद समाजवादी पार्टी गठबंधन दरार पड़ गई है और मुलायम सिंह यादव के कुनबे में एक बार फिर झगड़े के आसार बढ़ गए हैं। सपा विधानमंडल दल की बैठक में नहीं बुलाए जाने से नाराज शिवपाल यादव मंगलवार को अखिलेश के बुलावे पर नहीं पहुंचे। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) प्रमुख के अगले कदम को लेकर चल रही अटकलों के बीच सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) चीफ ने कहा कि वह शिवपाल से बात करेंगे।
एबीपी न्यूज से बातचीत में ओपी राजभर ने पहले तो इस बात से इनकार किया कि शिवपाल नाराज हैं। लेकिन यह जरूर कहा कि परिवार में कुछ ना कुछ होता रहता है। बैठक में शिवपाल के नहीं आने और नाराजगी को लेकर सवाल के जवाब में सुभासपा चीफ ने कहा, ”कोई नाराजगी नहीं है। वह नाराजगी हम नहीं मानते। जहां 10 परिवार है, कुछ ना कुछ होता रहता है। कल हमारी उनकी मुलाकात होगी। सब ठीक हो जाएगा।” क्या उन्हें इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है? यह पूछे जाने पर राजभर ने कहा, जिम्मेदारी नहीं है, वह नाराज कहां हैं जो मनाने की बात है। हम मिलेंगे, जो मैसेज जा रहा है उसे हम ठीक कर देंगे।”
यह पूछे जाने पर कि महान दल जैसे कुछ सहयोगी दलों को बैठक में क्यों नहीं बुलाया गया, राजभर ने कहा कि यह बैठक सिर्फ उन दलों के नेताओं की बुलाई गई थी, जिनके विधायक जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। बैठक में किन मुद्दों पर चर्चा हुई इसको लेकर राजभर ने कहा, ”हम लोग सदन के अंदर सरकार को क्या याद दिलाए, हमारे जो मुद्दे हैं उनको कैसे लागू कराया जाए। जैसे विकास की बात होती है तो सबसे बड़ा मुद्दा शिक्षा का है। शिक्षा इतनी महंगी है कि गरीब शिक्षित नहीं हो पा रहा है। एक समान शिक्षा हो, मुफ्त शिक्षा हो। गरीबों का इलाज फ्री में हो। किसानों को आवारा पशुओं से कैसे निजात मिले।”