फिरोजाबाद – उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दो चरण के मतदान पूरे हो चुके हैं. अब बारी तीसरे चरण की 10 संसदीय सीटों की है. तीसरे फेज के लिए सात मई को वोटिंग है, जिसके लिए सियासी दलों ने पूरी ताकत झोंक रखी है. इस चरण में उन क्षेत्रों में मतदान होगा, जिसको मुलायम सिंह यादव के परिवार का गढ़ माना जाता है इसलिए समाजवादी पार्टी के साथ-साथ मुलायम सिंह यादव के कुनबे को सियासी इम्तिहान से गुजरना है. सैफई परिवार से तीन नेताओं के साथ-साथ बीजेपी के दिग्गज नेता रहे कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह को अग्नि परीक्षा होनी है.
लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण का नाम वापसी के बाद अब 10 संसदीय सीटों पर 100 उम्मीदवार मैदान में हैं. संभल में 12, हाथरस में 10, आगरा में 11, फतेहपुर सीकरी में 9, फिरोजाबाद में 7, मैनपुरी में आठ और एटा सीट से 10 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं. इसके अलावा बदायूं में 11, आंवला में 9 और बरेली सीट पर 13 प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं. 2019 में इन 10 लोकसभा सीटों में से विपक्ष सिर्फ एक सीट ही जीत सकी थी और बीजेपी 9 सीटें जीतने में कामयाब रही थी.
मोदी लहर में सिर्फ मैनपुरी सीट से सपा के मुलायम सिंह यादव सांसद चुने गए थे, जबकि सैफई परिवार के धर्मेंद्र यादव को बदायूं सीट से करारी शिकस्त मिली थी. फिरोजाबाद सीट पर शिवपाल यादव और अक्षय यादव को हार मिली थी. इस बार के चुनाव में मुलायम सिंह यादव के परिवार से पांच सदस्य अलग-अलग सीटों से किस्मत आजमा रहे हैं, जिनमें से तीन सीटों पर तीसरी चरण में चुनाव है. बदायूं, फिरोजाबाद और मैनपुरी सीट पर मुलायम कुनबे के लिए अग्निपरीक्षा से गुजरना होगा, तो कल्याण सिंह के सियासी वारिस राजवीर सिंह को एटा सीट पर दो-दो हाथ करना है.