यूपी में शुक्रवार से योगीराज की दूसरी पारी का आगाज होगा। योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को 70 हजार से अधिक लोगों की मौजूदगी में लगातार दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगे। उनके साथ करीब चार दर्जन मंत्री भी शपथ लेंगे।
इससे पूर्व गुरुवार की शाम लोक भवन में आयोजित भाजपा विधायक दल की बैठक में योगी को सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया। 2017 की तर्ज पर इस बार भी उपमुख्यमंत्री के नाम घोषित होने की संभावना थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब शुक्रवार को मंत्रिमंडल के बाकी सदस्यों के साथ ही इनका भी ऐलान होगा।
बैठक के बाद 273 विधायकों का समर्थन पत्र राज्यपाल को सौंपा गया। फिर एनडीए विधायक दल के नेता के रूप में योगी ने राज्यपाल से मिलकर उन्हें मंत्रिमंडल के सदस्यों की सूची सौंपी। मंत्री बनने वाले सभी विधायकों को कालीदास मार्ग स्थित सीएम आवास पर सुबह की चाय पर बुलाया गया है।
राज्यपाल आनंदी बेन पटेल शुक्रवार शाम 04 बजे से अटल बिहारी वाजपेयी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में होने वाले भव्य शपथ ग्रहण समारोह में योगी आदित्यनाथ को पद व गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी।
इससे पूर्व गुरुवार शाम लोक भवन में केंद्रीय पर्यवेक्षक अमित शाह और सह पर्यवेक्षक रघुवर दास की मौजूदगी में एनडीए विधायक दल की बैठक में नेता का चुनाव हुआ। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और संगठन प्रभारी राधामोहन सिंह भी इस मौके पर मौजूद रहे।
भाजपा के वरिष्ठ विधायक सुरेश खन्ना ने योगी आदित्यनाथ के नाम का प्रस्ताव किया। इसका अनुमोदन सूर्यप्रताप शाही, बेबीरानी मौर्य, रामनरेश अग्निहोत्री, सुशील शाक्य और नंदगोपाल गुप्ता नंदी ने किया।
दो चरणों में राज्यापाल से मिले भाजपा नेता
सरकार बनाने की प्रक्रिया में भाजपा नेता गुरुवार शाम दो चरणों में राजभवन जाकर राज्यपाल से मिले। पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव व अन्य नेताओं ने राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को बताया कि योगी आदित्यनाथ को भाजपा विधायक दल का सर्वसम्मति से नेता चुना गया है।
इसके कुछ समय बाद योगी आदित्यनाथ राज्यपाल से मिलने राजभवन गए और उनसे मुलाकात कर उन्हें शुक्रवार को शपथ लेने वाले मंत्रियों की सूची सौंपी। स्वतंत्र देव सिंह के नेतृत्व में गए प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राधा मोहन, केशव प्रसाद मौर्य, दिनेश शर्मा, सुरेश खन्ना, रघुवर दास, आशीष पटेल (अपना दल) आदि ने राज्यपाल से मुलाकात की।
सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए उनसे अनुरोध किया कि वह योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री के रूप में व उनके मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण के लिए जरूरी निर्देश दें। राज्यपाल ने भाजपा नेताओं से शपथ लेने वाले मंत्रियों की सूची भी मांगी ताकि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 164(1) के तारतम्य में शपथ दिलायी जा सके।