शनिवार सुबह सीबीआई ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख घर छापा मारा. शुक्रवार को भी केंद्रीय जांच एजेंसी ने देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया था. भ्रष्टाचार के आरोपों को सीबीआई ने शुक्रवार को जांच को पूरी कर ली थी.
जांच एजेंसी ने मुंबई के पूर्व शीर्ष पुलिस अधिकारी परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों से जुड़ा एक मामला दर्ज किया है. मामले में जांच बॉम्बे हाई कोर्ट ने सीबीआई को सौंप दी गई थी. अदालच ने जांच एजेंसी को यह तय करने के लिए 15 दिन का समय दिया था कि भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया जा सकता है या नहीं.
मामला दर्ज करने के बाद, सीबीआई ने शनिवार को कई जगहों पर छापेमारी की.
इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर 14 अप्रैल को सीबीआई ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ लगे भ्रष्टाचार के आरोपों के संदर्भ में प्रारंभिक जांच के तहत बुधवार को उनसे आठ घंटे पूछताछ की. देशमुख के खिलाफ मुंबई पुलिस के पूर्व प्रमुख परमबीर सिंह ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं.
राज्य सरकार की छवि खराब करने की कोशिश- सूत्रसूत्रों ने बताया कि देशमुख ने पूछताछ के दौरान सिंह द्वारा उन पर लगाए गए आरोपों से इंकार किया और अधिकारियों से कहा कि यह राज्य सरकार की छवि खराब करने की कोशिश है.
मुंबई पुलिस आयुक्त के पद से पिछले महीने हटने के बाद सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर कहा था कि देशमुख ने वाजे सहित कुछ पुलिस अधिकारियों को रेस्तरां और बार से हर महीने 100 करोड़ रुपये की उगाही करने का लक्ष्य दे रखा है. देशमुख ने इन आरोपों से इंकार किया था.
बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई देशमुख के मामले में प्रारंभिक जांच कर रही है. प्रारंभिक जांच के आदेश के बाद देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. सीबीआई ने अभी तक सिंह, सचिन वाजे, पुलिस उपायुक्त राजू भुजबल, सहायक पुलिस आयुक्त संजय पाटिल, वकील जयश्री पाटिल और होटल मालिक महेश शेट्टी के बयान दर्ज किए हैं. केन्द्रीय एजेंसी ने देशमुख के निजी सहायक कुंदन शिंदे और निजी सचिव संजीव पांडेय से रविवार को पूछताछ की थी.