महाराष्ट्र में सत्ता गंवाने के बाद उद्धव ठाकरे ने शिवसेना को बचाने की कवायद तेज कर दी है। खबर है कि उन्होंने पूरे महाराष्ट्र में बड़े स्तर पर नए पदाधिकारियों की नियुक्ति की है। खास बात है कि हाल ही में ठाकरे ने पार्टी से कई लोगों को बाहर का रास्ता भी दिखाया था। इधर, सुप्रीम कोर्ट ने भी सियासी घटनाक्रमों से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई के लिए 20 तारीख को सूचीबद्ध करने का फैसला किया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट क के अनुसार, शिवसेना नेताओं को बर्खास्त और निष्कासन के बाद यह पहली बार है जब ठाकरे ने इतने बड़े स्तर पर नियुक्तियां की हैं। उन्होंने मुंबई, पालघर, यवतमाल, अमरावती समेत कई अन्य जिलों में 100 से ज्यादा पदाधिकारी नियुक्त किए हैं। इस दौरान उप विभाग प्रमुख और शाखा प्रमुख पदों पर बड़ी स्तर पर नए चेहरे लाए गए हैं। पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में नई नियुक्तियों की घोषणा की है।
रिपोर्ट के अनुसार, सेना पदाधिकारियों का कहना है कि दूसरे पायदान के नेताओं को अहम जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। एक पदाधिकारी ने कहा, ‘शिवसेना अन्य पार्टियों की तरह नहीं है। पहले यह संगठन है और फिर पार्टी है।’
उन्होंने कहा, ‘सेना की असली संपत्ति शाखाओं और उसके प्रमुखों के आसपास बना नेटवर्क है… हमने पहले ही दूसरे पायदान के पदाधिकारियों की पहचान की है, जिन्हें पहले साइडलाइन किया गया था, क्योंकि उनके गृह जिलों में नियुक्तियों पर विधायकों का नियंत्रण था… ये नियुक्तियां चरणबद्ध तरीके से की जा रही हैं, ताकि कोई खाली जगह न रहे।’
मुंबई में मगठाणे, बोरिवली और दहिसर क्षेत्रों में नियुक्तियां की गई हैं। MLC सुनील शिंदे को शिर्डी क्षेत्र का संपर्क प्रमुख बनाया गया है। अमरावती जिले में सुनील खराते को जिला प्रमुख बनाया गया है। यहां एक दर्जन से ज्यादा अन्य नियुक्तियां भी की गई हैं। यवतमाल जिले में सभी क्षेत्रों में नए पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं।