महाराष्ट्र विधानसभा में अपनी सरकार का बहुमत साबित करने के बाद सीएम एकनाथ शिंदे भावुक नजर आए। धन्यवाद भाषण देते हुए एकनाथ शिंदे अपने दो बच्चों की डूबकर मौत होने और फिर गुरु आनंद दिघे की ओर से सांत्वना को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मैं जब शिवसेना के पार्षद के तौर पर काम कर रहा था तो अपने दो बच्चों को खो दिया था। उस दौरान मुझे लगा कि अब सब कुछ समाप्त हो गया है। मैं तब टूट गया था और आनंद दिघे ने तब मुझे राजनीति में बने रहने की सीख दी।
एक तरफ उन्होंने बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे की विरासत का जिक्र किया तो वहीं अपनी बगावत पर भी बात की। उन्होंने कहा कि मेरे सीएम बनने से बालासाहेब ठाकरे का सपना पूरा हुआ है। यही नहीं इस दौरान उन्होंने उद्धव ठाकरे गुट पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि विधान परिषद के चुनाव के दौरान मुझसे बदसलूकी की गई थी। एकनाथ शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने मुझसे पूछा था कि कहां जा रहे हो? कब आओगे? इस पर मैंने कहा था कि मैं नहीं जानता। मुझे बालासाहेब ठाकरे ने अन्याय से लड़ने का सबक दिया था और उसी के अनुसार मैं अपने मिशन पर निकल गया।
एकनाथ शिंदे ने कहा, मैं महाराष्ट्र में गरीब और कमजोर तत्वों की प्रगति के लिए प्रार्थना करता हूं। बालासाहेब ठाकरे और आनंद दिघे के आशीर्वाद से शिवसेना-भाजपा गठबंधन की सरकार बनी है। एकनाथ शिंदे ने कहा कि पिछले एक पखवाड़े से मुझ पर विश्वास करके इतना बड़ा फैसला लेने के लिए शिवसेना के 40 और छोटे दलों के 10 विधायकों को बधाई। उन्होंने कहा कि मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है कि मैं सीएम के तौर पर बोल रहा हूं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में हुए इस पूरे घटनाक्रम को लेकर देवेंद्र फडणवीस ने मुझे बताया कि इस घटना की रिपोर्ट 33 देशों ने की थी। सत्ता में मैं शहरी विकास मंत्री था। गुलाबराव पाटिल से लेकर उदय सामंत तक जनता के मंत्री थे। बाईं ओर अपने-अपने मंत्री पद के साथ 40 विधायक और 10 विधायक थे।