महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे मंगलवार को अपने ही नाम पर बने एक पार्क का उद्घाटन करने की तैयारी में थे, लेकिन विवाद छिड़ने के बाद प्रोग्राम ही कैंसल कर दिया। पुणे में स्थित मोहम्मदवाड़ी में बने इस पार्क के उद्घाटन का कार्यक्रम मंगलवार को सीएम के दौरे के वक्त तय किया गया था। स्थानीय नागरिकों की मांग पर शिवसेना के पूर्व पार्षद नाना भंगिरे ने मोहम्मदवाड़ी में एक पार्क तैयार कराया था, जिसका नाम एकनाथ शिंदे पर ही रख दिया गया। नाना भंगिरे ने हाल ही में एकनाथ शिंदे कैंप को जॉइन किया था और उन्हें पुणे इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
पार्क के बनाए जाने के बाद एक बोर्ड उसके प्रवेश द्वार पर लगाया गया था, जिसमें उसका नाम एकनाथ शिंदे पार्क लिखा था। इस बारे में जैसे ही खबर फैली तो एक्टिविस्ट जुट गए और वे उसका विरोध करने लगे। सूत्रों का कहना है कि इसके बाद एकनाथ शिंदे ने नाना भंगिरे को बुलाया और उनसे कार्यक्रम को ही कैंसिल करने को कहा। भंगिरे ने कहा, ‘हमने उद्घाटन का कार्यक्रम कैंसिल कर दिया है। अब हम पार्क के नामकरण का प्रस्ताव पुणे नगर निगम की उद्यान कमेटी के समक्ष पेश करेंगे। उस समिति की बैठक में ही पार्क के नाम को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा।’
एकनाथ शिंदे के नाम पर पार्क बनाने का विरोध करने वालीं एक्टिविस्ट विनिता देशमुख ने कहा कि इसके लिए प्रक्रिया का पालन ही नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सीएम बनने के बाद एकनाथ शिंदे का यह पहला दौरा है। पुणे में बहुत सी समस्याएं हैं और सीएम की प्राथमिकता यही है कि कैसे अपने नाम पर गार्डन का उद्घाटन किया जाए। ऐसा लगता है कि उन्हें कोई आइडिया नहीं है कि कैसे पार्क के नाम पर पहले ही विवाद हो चुका है।’ यही नहीं इससे पहले बालासाहेब ठाकरे के नाम पर फुटबॉल ग्राउंड को लेकर भी विवाद हो चुका है।
क्यों नामकरण के फैसले पर उठ रहे हैं सवाल
दरअसल नाना भंगिरे का पार्षद का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। ऐसे में उनकी ओर से फैसले को लेकर सवाल उठ रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि नगर निगम को भी सीएम के कार्यक्रम की जानकारी दी गई थी। एक्टिविस्ट ने कहा कि जब तक गार्डन तैयार हुआ था, तब तक निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल ही समाप्त हो गया। लेकिन एकनाथ शिंदे को खुश करनेके लिए भंगिरे ने कार्यक्रम तय कर दिया और उद्घाटन के लिए सीएम को निमंत्रण दिया गया।