एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र में भाजपा और शिंदे की गठबंधन सरकार है। भले ही देवेंद्र फडणवीस ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में सरकार में काम करना कबूल लिया हो लेकिन प्रदेश भाजपा प्रमुख के गले से अभी तक यह बात नहीं उतर पाई है। चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस की जगह एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला पार्टी ने कलेजे पर पत्थर रखकर लिया था।
महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल शनिवार को पनवेल में राज्य भाजपा की कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित कर थे। उस वक्त उन्होंने यह बातें कही। चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाना निश्चित था लेकिन पार्टी को भारी मन से एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाना पड़ा। पाटिल ने हालांकि फिर सफाई देते हुए कहा कि यह फैसला सही संदेश देने के लिए लिया गया है।
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा में सबसे बड़ी एकल पार्टी भाजपा ने 30 जून को उस वक्त पूरे देश को आश्चर्यचकित कर दिया जब पार्टी की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की कि एकनाथ शिंदे ही महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे। फडणवीस ने आगे कहा था कि एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में महाराष्ट्र सरकार का विकास होगा और भाजपा उनके साथ हमेशा कदम-कदम पर रहेगी।
शनिवार को प्रदेश कार्यकारिणी को संबोधित करते हुए चंद्रकांत पाटिल ने कहा, “हमें एक ऐसा नेता देने की आवश्यकता है जो सही संदेश दे और प्रदेश की राजनीति में स्थिरता सुनिश्चित करे। केंद्रीय नेतृत्व और देवेंद्र जी ने भारी मन से एकनाथ शिंदे को सीएम के रूप में समर्थन देने का फैसला किया। हम नाखुश थे लेकिन निर्णय को स्वीकार करने का फैसला किया।”
गौरतलब है कि एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे की शिवसेना से 40 विधायकों को अपने पाले में करने में कामयाब रहे और उद्धव ठाकरे की महा विकास अघाड़ी सरकार को गिरा दिया। शुरुआत से चर्चा आम थी कि शिंदे भाजपा के साथ गठबंधन में सरकार बनाएंगे। ऐसे कयास थे कि देवेंद्र फडणवीस सीएम होंगे और शिंदे डिप्टी सीएम। लेकिन, भाजपा ने बड़ा उलटफेर करते हुए शिंदे को प्रदेश की कमान सौंप दी और फडणवीस को डिप्टी सीएम।