शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे कई अन्य बागी विधायकों के साथ असम की राजधानी गुवाहाटी में डेरा जमाए हुए हैं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का राज है। विधायकों के बागी तेवर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की चिंता बढ़ा दी है। कल रात उन्होंने सीएम का सरकारी बंगला छोड़ दिया और अपने मुस्तैनी मकान मातोश्री शिफ्ट हो गए। राज्य की महा विकास अघाड़ी गठबंधन विधायकों को वापस लाने के लिए हर कोशिश कर रही है। कल अपने संबोधन के दौरान ठाकरे ने सीएम पद और शिवसेना प्रमुख की जिम्मेदारी छोड़ने की पेशकश की। उन्होंने शिंदे को सीएम बनाना तक का ऑफर दिया। वहीं बीजेपी इन बागी विधायकों पर कड़ी नजर बनाए हुई है।
आपने जब वर्षा को छोड़ा तो काफी भीड़ वहां दिखाई दी। अच्छा हुआ कि पहली बार इस बंगले के दरवाजे आम लोगों के लिए भी खोले गए। पिछले ढाई साल से इस बंगले के दरवाजे बंद थे। विधायक होकर भी हमें आपसे मिलने के लिए आपके करीबियों के आगे-पीछे घूमना पड़ता है।
आपके पास इकट्ठा हुए कथित चाणक्यों ने हमें राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव की रणनीति से दूर रखा गया। नतीजा अब सबके सामने है। हमें कहा गया कि आप छठी मंजिल पर आप लोगों से मिल सकते हैं, लेकिन ऐसा कभी नहीं हुआ। अपने विधानसभा क्षेत्रों पर काम के लिए हमने कई बार संपर्क किया तो फोन तक नहीं उठते। ये सारी चीजें हम भुगत रहे थे और सभी विधायकों ने यह सहन किया है। हमने आपके आसपास के लोगों को यह बताने की कोशिश की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। यह सब जब हुआ तो एकनाथ शिंदे हमारे लिए तैयार रहे और चिंता की।