स्पीकर के फैसले से पहले फ्लोर टेस्ट न हो, सुप्रीम कोर्ट में बोले अभिषेक मनु सिंघवी

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महाराष्ट्र के सियासी संकट में भारतीय जनता पार्टी की भी एंट्री हो गई है। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सामने फ्लोर टेस्ट की मांग रखी गई है। इसके अलावा राज्यपाल की ओर से उद्धव ठाकरे को बहुमत साबित करने के लिए कहने की भी खबर है। सूत्रों के मुताबिक ऐसी स्थिति में सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल शिवसेना सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकती है। गुवाहाटी में ठहरे बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने भी मुंबई आने के संकेत दे दिए हैं। कहा जा रहा है कि सरकार के खिलाफ 30 जून को अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है

शिवसेना के अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलों पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि डिप्टी स्पीकर की वैधता पर भी सवाल हुआ है। अयोग्यता का मामला कोर्ट में लंबित है। नोटिस वैध है या नहीं इस पर हम फैसला करेंगे। पीठ ने सवाल किया कि क्या दोबारा फ्लोर टेस्ट के लिए कोई न्यूनतम समय सीमा है?

राज्यपाल ने मामले में काफी तेजी से काम कियाः सिंघवी

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि 6 महीने से पहले दोबारा फ्लोर टेस्ट नहीं किया जा सकता है। सिंघवी ने कहा कि राज्यपाल ने मामले में काफी तेजी से काम किया है। अयोग्यता को लेकर पहले फैसला हो। स्पीकर के फैसले से पहले फ्लोर टेस्ट नहीं होना चाहिए

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू

30 जून को महाराष्ट्र सदन में होने वाले फ्लोर टेस्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो चुकी है। बता दें कि शिवसेना के चीफ व्हिप सुनील प्रभु ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के निर्देश को चुनौती दी है। सीनियर एडवोकेट एएम सिंघवी शिवसेना की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में बहस कर रहे हैं। सिंघवी ने कल शक्ति परीक्षण का आदेश देने में राज्यपाल के निर्देश पर कहा कि एनसीपी के 2 विधायक कोरोना संक्रमित हैं, जबकि 2 कांग्रेस विधायक विदेश में हैं

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