रविवार को महाराष्ट्र का राजनीतिक संकट और गहरा गया। शिवसेना के कई कार्यकर्ता महाराष्ट्र और दिल्ली में पार्टी के विद्रोहियों के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। उद्धव ठाकरे और बागी नेता एकनाथ शिंदे के बीच शिवसेना के नियंत्रण की लड़ाई के बीच दिन भर दावे और प्रतिवाद सामने आते रहे। इस बीच, डिप्टी स्पीकर की अयोग्यता नोटिस को लेकर शिंदे खेमे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। डिप्टी स्पीकर की ओर से जारी अयोग्यता नोटिस और अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाए जाने को चुनौती देते हुए दो याचिकाएं दायर की गई हैं। सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ और रजिस्ट्रार के सोमवार को सुबह 10.30 बजे शिंदे खेमे की याचिका पर सुनवाई करने की संभावना है
महाराष्ट्र में जारी संकट के बीच भाजपा ने पहली बार सरकार बनाने के संकेत दिए हैं। केंद्रीय मंत्री राव साहेब दानवे ने कहा कि मैं अब भी दो से तीन दिन तक विपक्ष में हूं। उनके इस बयान को सरकार बनाने के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को शिवसेना सांसदों के साथ बैठक की। इस दौरान कुछ ने पार्टी प्रमुख से 2024 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए बीच का एक रास्ता निकलाने के लिए कहा। उन्होंने बागी विधायकों की मांगों पर विचार करने की भी बात कही। बैठक में शिवसेना के 18 लोकसभा सांसदों में से लगभग 16 ने भाग लिया। सभी सांसदों ने ठाकरे के नेतृत्व में विश्वास व्यक्त किया। इनमें से कुछ ने उन्हें 2024 में चुनावी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए शिवसेना को टूटने से बचाने के लिए बीच का रास्ता निकालने के लिए कहा।