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इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक में ३९ फीसदी की वृद्धि हुई

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मुंबई : मुंबई में काफी समय से `अंतरा’ के इस्तेमाल का दायरा बढ़ गया है। इस इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक के उपयोग में साल-दर-साल ३९ फीसदी की वृद्धि हुई है। आंकड़ों के मुताबिक, साल २०२२ की अपेक्षा साल २०२३ में १,०९५ से अधिक महिलाओं ने अंतरा का इस्तेमाल किया है। साल २०२२ में जहां इस इंजेक्टेबल गर्भनिरोधक का २,८०० महिलाओं ने इस्तेमाल किया था, वहीं साल २०२३ में यह बढ़कर ३,८९५ पर पहुंच गया। अंतरा के उपयोग से मुंबई में जन्मदर में गिरावट आई है, क्योंकि विवाहित अथवा लिव-इन रिलेशनशिप में रहनेवाली कई महिलाएं बच्चे नहीं चाहती हैं।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, पिछले पांच वर्षों में १४,४६१ लाख महिलाओं ने इस इंजेक्शन का उपयोग किया है, जबकि २.१४ लाख महिलाओं ने कॉपर-टी चुना है, जो कई लोगों के लिए अभी भी परिवार में अंतर के लिए सबसे पसंदीदा गर्भनिरोधक है। विशेषज्ञों ने कहा कि पारंपरिक गर्भनिरोधक विधि कॉपर-टी को तुलना में कम पसंद किया जाता है, क्योंकि इंजेक्शन का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। मनपा की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह के मुताबिक, अंतरा के उपयोग से मुंबई में जन्मदर में गिरावट आई है। अंतरा को तीन महीने में केवल एक बार लेने की जरूरत है। इसके दुष्प्रभाव नगण्य हैं और महिलाओं को नियमित नजर रखने की जरूरत नहीं है।
वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ के मुताबिक, गैर-हार्मोनल कॉपर-टी को प्राथमिकता दी जाती है, क्योंकि वैंâसर के बढ़ते प्रसार के कारण एस्ट्रोजन युक्त गर्भ निरोधकों का उपयोग सीमित हो गया है। यह भारी रक्तस्राव के साथ-साथ कई गर्भाशय स्थितियों के लिए एक उपचार विकल्प के रूप में भी काम करता है। एक बार गर्भाशय में डालने के बाद यह पांच साल तक रहता है। स्त्री रोग विशेषज्ञ ने कहा कि इंजेक्शन योग्य गर्भ निरोधकों को मासिक धर्म में रक्तस्राव का कारण माना जाता है, जो कामकाजी महिलाओं के लिए उपयुक्त नहीं है।

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