मुंबई – स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संशोधित समूह प्रस्ताव को मंजूरी दे दे दी गई है। इसके तहत राज्य के ५०० से कम छात्र संख्या वाले स्कूलों में चित्रकला, संगीत और कार्य अनुभव विषयों के लिए शिक्षक नहीं दिए जाएंगे। इसका विशेष शिक्षकों ने विरोध करते हुए कहा कि शिंदे सरकार का यह दमनकारी निर्देश है। सरकार के इस निर्देश से ऐसे स्कूलों में पढ़नेवाले छात्रों के साथ अन्याय होगा। स्कूल स्तर पर आयोजित प्रारंभिक और इंटरमीडिएट चित्रकला प्रतियोगिताओं में बड़ी संख्या में छात्र उपस्थित होते हैं। १०वीं की परीक्षा में आर्ट्स विषय में मार्क्स बढ़ने से छात्रों को फायदा होता है। ऐसे स्कूलों में विशेष शिक्षकों को अस्वीकार करना गलत है।
महाराष्ट्र संगीत शिक्षक संगठन ने इस संबंध में स्कूल शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर को एक पत्र लिखा है। इस पत्र के माध्यम से उन्हें बताया गया है कि संशोधित समूह प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के कारण ५०० से कम छात्रों वाले स्कूलों के छात्र कला और संगीत विषय सीखने से वंचित रह जाएंगे। इसलिए संगीत शिक्षक संगठन ने मांग की है कि विशेष शिक्षकों की नियुक्ति में छात्रों की संख्या की दमनकारी शर्त को रद्द किया जाए।
स्कूल जहां, संगीत वहां- राज्य संगीत शिक्षक संगठन के अध्यक्ष चंद्रशेखर चिंचोले, कार्याध्यक्ष मिलन देव, सचिव भाऊसाहेब लोखंडे ने मांग की है कि स्कूल जहां, संगीत वहां इस वाक्य को ध्यान में रखकर शिक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए। प्रत्येक स्कूल में २,५०० छात्रों पर एक संगीत शिक्षक और एक चित्रकला अध्यापक की नियुक्ति की जानी चाहिए। साथ ही कला विषय में संगीत और चित्रकला विषय को अलग-अलग दर्शाया जाना चाहिए। यह भी मांग की गई है कि उसके लिए पद अलग-अलग होने चाहिए।