महाराष्ट्र की राजनीति में हुई ऐतिहासिक बगावत पर नेताओं की तरफ से बड़ी प्रतिक्रिया के आसार हैं। एक ओर जहां आज शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है। वहीं, एकनाथ शिंदे और दो निर्दलीय विधायकों ने महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के जिरवाल पर उद्धव कैंप का पक्ष लेने के आरोप लगाए गए हैं और उन्हें हटाए जाने की मांग उठी है।
एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल और पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखा है। उन्होंने ‘दुर्भावनापूण तरीके से 38 विधायकों के परिवार के सदस्यों की सुरक्षा वापस’ लिए जाने की बात कही है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘सरकार उनकी और उनके परिवार की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार है।’
महाराष्ट्र विधानसभा के डिप्टी स्पीकर ने शिवसेना की 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने वाली अर्जी स्वीकार कर ली है। मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि इन MLAs को नोटिस जारी किए जा सकते हैं। खबर यह भी है कि इस संबंध में बागी विधायक गुवाहाटी में ही आज 2 बजे बैठक करने वाले हैं। साथ ही नोटिस मिलने पर विधायकों के मुंबई लौटने की भी संभावनाएं हैं।
महाराष्ट्र के ठाणे को शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे का गढ़ माना जाता है। अब खबर है कि यहां हिंसा और कानून-व्यवस्था के डर के चलते निषेधाज्ञा लागू की गई है। क्षेत्र में 30 जून तक पाबंदियां लागू रहेंगी। इस दौरान लाठियां, हथियार रखना पोस्टर, पुतला जलाने पर पूरी तरह प्रतिबंध रहेगा। साथ ही नारोबाजी या स्पीकर पर गाने चलाने की भी अनुमति नहीं होगी।