पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जब हाल ही में मुंबई का दौरा किया था तो उन्होंने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (UPA) की प्रसंगिकता पर सवाल उठाया दिया था। उनके इस बयान के बाद अब शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने शुक्रवार को कहा कि सभी विपक्षी दलों को एक साथ आने की जरूरत है, क्योंकि उनके पास सत्ताधारी पार्टी से ज्यादा वोट हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए सावंत ने कहा, “अगर हम सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ एक साथ आना चाहते हैं, तो हमें सभी को साथ लेकर चलना होगा। यह अच्छा नहीं होगा यदि कोई पार्टी सत्ताधारी पार्टी के खिलाफ विपक्ष से हाथ नहीं मिलाना चाहती है, क्योंकि सभी विपक्षी दलों के मतों की कुल संख्या सत्ताधारी दल के मतों से अधिक है।”
उन्होंने कहा, “सभी दल अपनी-अपनी विचारधारा के साथ काम करते हैं। शिवसेना को छोड़कर हर कोई अपनी पार्टी का विकास करना चाहता है। हमारी पार्टी के बालासाहेब ठाकरे हिंदुत्व की विचारधारा के साथ चलते थे।”
इस बीच, कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा, “यह सच है कि कांग्रेस पार्टी आज कमजोर हो गई है। लेकिन यह भी सच है कि यह देश की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी थी। आज भी कुछ राज्यों में वे सत्ता में हैं।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार से मुलाकात के बाद कहा, “यूपीए क्या है? कोई यूपीए नहीं है।” यूपीए पर टीएमसी प्रमुख का बयान महाराष्ट्र की राजधानी की उनकी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान दिया गया था, जिस दौरान उन्होंने राकांपा और शिवसेना के नेताओं से मुलाकात की थी।